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हमारी शान चित्रकोट…वाटरफाल, बस्तर की सुंदरता से वित्त आयोग की टीम दंग

बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात समेत यहां के झरनों ने बरसात की शुरुआत में ही अपना सौंदर्य हासिल कर लिया है। चित्रकोट वाटरफाल अपने पूरे शबाब पर तो नहीं है, लेकिन चार-पांच विशाल धाराओं से नजारा मनमोहक होने लगा है। तीरथगढ़ जलप्रपात की चिंघाड़ भी दो-ढाई किमी दूर से सुनी जाने लगी है। देश के लिए भविष्य की आर्थिक योजना बनाने वाले 16वें केंद्रीय वित्त आयोग की टीम बैठकों के लिए शुक्रवार को जगदलपुर पहुंची।

जगदलपुर में ही कई संगठनों के साथ बैठकों के बाद वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया के साथ आयोग के आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पाण्डा और डॉ. सौम्यकांति घोष चित्रकोट जलप्रपात देखने गई। जैसे ही टीम वाच टावर पर पहुंची, जलप्रपात को निहारती ही रह गई। सभी इस विशाल जलप्रपात की प्रशंसा करते रहे। इतना बड़ा वाटरफाल कैसे बनता है, यह उनके कौतूहल का विषय था। इसलिए सदस्य अजय नारायण झा ने इंद्रावती नदी के उद्गम और संगम स्थल की भी जानकारी ली। टीम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की वास्तविक और नैसर्गिक खूबसूरती तो दरअसल बस्तर में ही देखने को मिल रही है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बेमिसाल है। आयोग की पूरी टीम मोबाइल और कैमरों से चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती को कैद करती रही। यहां से दल जगदलपुर के पास लोहंडीगुड़ा में नारायणपाल मंदिर पहुंचा। 11वीं शताब्दी के इस मंदिर की वास्तुकला से वित्त आयोग की पूरी टीम और डा. पनगढ़िया भी बेहद प्रभावित हुए।

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