ईडी ने घेरा राइस मिलर्स को, 4 साल खजांची रहे धमतरी के रोशन चंद्राकर को किया गिरफ्तार
केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लगभग 150 करोड़ रुपए के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन घोटाले में अब उन राइस मिलर्स पर फंदा कस दिया है, जो पिछली कांग्रेस सरकार में राइस मिलर्स का प्रतिनिधित्व कर रहे थे तथा धान की कस्टम मिलिंग के मामले में बेहद प्रभावशाली माने जा रहे थे। राइस मिलर्स एसोसिएशन को करीब 4 साल ड्राइव करने वाले धमतरी के मिलर रोशन चंद्राकर को ईडी ने गुरुवार को चुपचाप गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और पांच दिन की रिमांड ले ली। मार्केफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी से पूछताछ के बाद रोशन को गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी से राइस मिलर्स में खलबली मच गई है, क्योंकि चार साल मिलर्स की तरफ से उस पर लेवी के तौर पर बड़ी राशि लेने का आरोप अरसे से लग रहा था।
छत्तीसगढ़ में राइस मिलर्स एसोसिएशन यहां खरीदे गए अरबों रुपए के धान की कस्टम मिलिंग यानी उसे चावल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है। इस एसोसिएशन में राज्यभर के मिलर्स हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जो वातावरण बना, उस आधार पर राइस मिलर्स एसोसिएशन के वर्षों तक अध्यक्ष रहे योगेश अग्रवाल और पूरी कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद कैलाश रूंगटा एसोसिएशन के अध्यक्ष बने और रोशन चंद्राकर को कोषाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन ईडी के मुताबिक चार साल तक मिलर्स और कस्टम मिलिंग की रोशन ने ही ड्राइव किया। ईडी इसी दौरान मिलिंग के आर्डर वगैरह में बड़ी लेवी के आरोपों की जांच में लगी है। चर्चा थी कि जब ईडी ने कस्टम मिलिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी, उसके बाद रोशन के विदेश चले जाने की बातें आ रही थीं। इन चर्चाओं पर उसकी गिरफ्तार से विराम लगा है। रोशन चंद्राकर को धमतरी में प्रभावशाली राइस मिलर माना जाता रहा है। ईडी ने उसे कस्टम मिलिंग मामले में ही रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया और 14 दिन की रिमांड मांगी। अदालत ने उसे पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंपा है।