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मूणत-बृजमोहन की विस सीटों से विकास 90-90 हजार से पीछे, ग्रामीण से तो 1.07 लाख का गड्ढा…जैसे कांग्रेस थी ही नहीं

बृजमोहन की भाटापारा में लीड ही सबसे कम, सिर्फ वहीं कांग्रेस विधायक

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पहले से अब तक रायपुर लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बना हुआ है, लेकिन बृजमोहन अग्रवाल की 5.30 लाख वोटों की लीड ने रायपुर ही नहीं, छत्तीसगढ़ में भी बड़ा रिकार्ड बना दिया है। रायपुर के नतीजे भाजपा के लिए जितना उत्साहित करनेवाले हैं, कांग्रेस के लिए उससे भी ज्यादा चिंताजनक हैं, क्योंकि रायपुर लोकसभा की 9 विधानसभा सीटों में से एकाध को छोड़कर कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी है। सबसे बड़ा रिकार्ड रायपुर ग्रामीण का है, जहां बृजमोहन को 1 लाख 7 हजार वोटों से लीड मिली, जबकि विथानसभा चुनाव में रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस करीब 40 हजार वोटों से ही हारी थी।

छत्तीसगढ़ में जब भी लोकसभा चुनाव होते हैं, तब आम लोग ही नहीं बल्कि राजनैतिक दल भी कुछ माह पहले हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर गणित लगाते रहते हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ विधानसभा और लोकसभा के नतीजे बिलकुल अलग आ रहे हैं। जैसे, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा डेढ़ दर्जन सीटों पर सिमट गई थी, लेकिन पांच माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में 11 में से 9 सीटें जीतने में सफल रही थी, वह भी बड़े मार्जिन से। रायपुर लोकसभा की स्थिति भी लगभग ऐसी ही रहती है। विधानसभा चुनाव में रायपुर संसदीय क्षेत्र की 9 विधानसभा सीटों में से 8 में भाजपा विजयी रही थी, सिर्फ भाटापारा में उसे हार का सामना करना पड़ा। अगर बृजमोहन अग्रवाल की लीड पर नजर डालें, तो वह इसी विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम (21400) है।

बृजमोहन को अपनी सीट से ज्यादा लीड ग्रामीण से

बाकी सीटों पर जितने मार्जिन से भाजपा ने विधानसभा जीता था, बृजमोहन को उन सभी में लोकसभा चुनाव में ज्यादा लीड ही मिली है। जैसे, बृजमोहन ने दक्षिण विधानसभा का चुनाव 68 हजार वोटों से जीता था, लेकिन लोकसभा में उन्हें यहां से 90 हजार प्लस की लीड मिली। इसी तरह, राजेश मूणत ने पश्चिम विधानसभा से 40 हजार वोटों से चुनाव जीता, लेकिन लोकसभा में यहीं से भाजपा को 90 हजार प्लस की लीड दिलवाई। बलौदाबाजार में बृजमोहन को 59428, धरसींवा में 71602, रायपुर उत्तर में 51726, आरंग में 41576 और अभनपुर में 43576 वोटों की लीड मिली। लेकिन रायपुर ग्रामीण में कांग्रेस जिस बुरी तरह पीछे रही, संभवतः प्रदेश में ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है। बृजमोहन को इस सीट से 1 लाख 7 हजार वोटों से लीड मिली, जो किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा रिकार्ड भी हो सकता है।

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