प्रदेश के कालेजों में 70 हजार सीटें खाली, एडमिशन डेट 15 दिन बढ़ानी पड़ी…जानिए क्यों और दाखिले कब तक
प्रमुख शहरों के प्रतिष्ठित कालेजों में मारामारी...बाकी सरकारी-निजी कालेज खाली-खाली

छत्तीसगढ़ के सरकारी कालेजों में इस साल यूजी फर्स्ट इयर (ग्रेजुएशन फर्स्ट सेमेस्टर) की कुल 1 लाख 80 हजार सीटों में से अब तक 70 हजार सीटें खाली हैं। रायपुर और बिलासपुर समेत प्रमुख शहरों के पुराने और प्रतिष्ठित सरकारी कालेजों में सीटों की मारामारी है, लेकिन बाकी जगह आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। इस साल पहली बार एडमिशन की तारीख घटाई गई थी, लेकिन जिस तरह सीटें खाली हैं, उसे देखते हुए उच्च विभाग ने तारीख 16 अगस्त तक बढ़ा दी है। लेकिन शिक्षाविदों का मानना है कि ग्रेजुएशन कोर्सेज की रेगुलर पढ़ाई से जिस तरह छात्र विमुख हो रहे हैं, उससे लगता है कि एडमिशन डेट बढ़ाने के बाद भी इस साल यूजी-फर्स्ट इयर की 50 हजार से ज्यादा सीटें खाली रह जाएंगी।
छत्तीसगढ़ में करीब साढ़े 6 सौ सरकारी और प्राइवेट कालेज (लगभग आधी-आधी संख्या) हैं, और लगभग सभी जगह खाली सीटों की स्थिति एक जैसी है। रायपुर के पं. रविशंकर विश्वविद्यालय में ही कालेजों में यूजी की 49 हजार सीटों में से 19 हजार खाली हैं। इसी तरह, अटल यूनिवर्सिटी बिलासपुर में भी लगभग 35 हजार सीटें हैं, जिनमें 20 हजार के आसपास अब तक खाली हैं यानी छात्र एडमिशन लेने ही नहीं आए हैं। रविवि ही नहीं, दुर्ग विवि, अटल विवि, सरगुजा विवि और रायगढ़ विवि के कालेजों में भी फर्स्ट इयर में एडमिशन की यही स्थिति है, छात्र प्रवेश लेने आ ही नहीं रहे हैं।
प्रवेश तिथि 31 जुलाई थी, खाली सीटों ने चौंकाया
इसे ध्यान में रखते हुए ही उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों के फर्स्ट इयर में दाखिले की तारीख 16 अगस्त की है, जो कुलपति की अनुमति से 31 जुलाई तक थी। उच्च शिक्षा विभाग से 7 अगस्त, बुधवार की शाम तारीख बढ़ाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है। इससे पहले, ग्रेजुएशन के फर्स्ट इयर में दाखिले के लिए 28 जून को उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया था, जिसमें प्राचार्य की अनुमति से एडमिशन की अंतिम तिथि 25 जुलाई तय की थी। हालांकि कुलपति की अनुमति लेने पर एक हफ्ते की और मोहलत देते हुए अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई थी। अब, उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि कालेजों में सभी ग्रेजुएशन कोर्स के फर्स्ट इयर में 16 अगस्त तक छात्रों को एडमिशन दिया जा सकता है।