सीबीआई का रायपुर-उमरिया में छापा…जमपाली माइंस से जुड़े 6 करोड़ के घपले में फंसे अफसर और दो ठेकेदार
पिछली सरकार में पांच साल बाहर रहने के बाद छत्तीसगढ़ में लौटी सीबीआई ने भ्रष्टाचार और घपलों पर फंदा कस दिया है। सरकार की ओर से दिए गए तीन केस की जांच तो सीबीआई कर ही रही है, भिलाई के बाद अब रायगढ़ के कोल बिजनेस में खलबली मचाते हुए सीबीआई ने जमपाली माइंस के पूर्व अफसर (अफसर) तथा दो ठेकेदारों के खिलाफ 6 करोड़ 10 लाख रुपए के गोलमाल पर केस दर्ज कर छापेमारी शुरू कर दी है। गोलमाल साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (एसईसीएल) के साथ बोगस दस्तावेज के जरिए पेमेंट हासिल करके किया गया था। इस मामले में सीबीआई ने रायपुर और उमरिया (मध्य प्रदेश) में आरोपियों के परिसरों पर छापे मारे हैं। छापे में क्या मिला, अभी इसका ब्योरा नहीं दिया गया है।
सीबीआई से मिली अधिकृत जानकारी के मुताबिक जमपाली ओपन कास्ट माइंस के वरिष्ठ सर्वेयर पर दो ठेकेदारों को मिलाकर बनाई गई एक ठेका कंपनी को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप है। केस के मुताबिक साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल), बिलासपुर ने रायगढ़ की जमपाली माइंस के छत्तीसगढ़ के प्रबंधन / प्रभारी अभियंता के निर्देशानुसार, ओवर बर्डन रिमूवल(OBR) हटाने, इसकी संबद्ध गतिविधियों व गारलैंड नाले हेतु मिट्टी के काम के लिए हेवी अर्थ मूविंग मशीन (HEMM) को किराए पर लेने के काम के लिए निविदा जारी की तथा यह कार्य दो निजी निर्माण कंपनियों के संयुक्त उद्यम को दिया गया। सीबीआई के मुताबिक आरोपी सीनियर सर्वेयर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक अन्य आरोपी (मृत घोषित), एक निजी कंपनी के मालिक एवं एक अन्य निजी निर्माण कंपनी के पार्टनर के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचा। ओबीआर (Overburden removal) मात्रा के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई तथा झूठे रिकॉर्ड के आधार पर, एसईसीएल के साथ 6,10,26,141 रुपए की धोखाधड़ी करते हुए ठेकेदारों को अधिक भुगतान कर दिया। सीबीआई ने इसी केस के सिलसिले में रायपुर और उमरिया में छापे मारे, लेकिन अभी आरोपियों के नाम-पते उजागर नहीं किए हैं।