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सबसे बड़ी़ धान खरीदी कल से… भूपेश सरकार ने 3 साल पहले बंद कर दिए थे जिलों के संग्रहण केंद्र, सभी खोले ताकि सोसाइटी में बर्बाद न हो धान

छत्तीसगढ़ में किसानों का बेहद महत्वपूर्ण उत्सव यानी धान खरीदी कल, 14 नवंबर से शुरू होने जा रही है। इस बार बंपर फसल है, इसलिए अनुमान है कि किसानों से सरकार 1 करोड़ 60 लाख टन धान खरीद सकती है। सीएम विष्णुदेव साय ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सोसाइटी में बफर लिमिट से ज्यादा धान पड़ा न रहे, ताकि बर्बादी रोकी जा सके। इस वजह से भूपेश सरकार के समय में बंद किए गए हर जिले के मेन धान संग्रहण केंद्रों को तीन साल बाद इस बार खोला गया है। एमडी मार्कफेड आईएएस रमेश शर्मा ने बताया कि सीएम की मंशा के अनुरूप सोसाइटी में धान बफर लिमिट से ज्यादा न रहे, इसलिए धान हर जिले के मुख्य संग्रहण केंद्र में लगातार पहुंचाया जाएगा। धान खरीदी के अनुमान के हिसाब से शासन ने पूरे बारदाने का इंतजाम कर लिया है और बाकी तमाम आवश्यकताओं के अनुरूप तैयारी पूरी कर ली गई है।

इस बार एक खास बात और रहेगी कि किसी भी सोसाइटी में तराजू-बांट से धान नहीं तौला जाएगा, बल्कि सभी जगह इलेक्ट्रानिक तराजू रहेंगे, ताकि किसान का एक-एक ग्राम थान भी तौलकर खरीदा जाए। सभी सोसाइटी में इलेक्ट्रानिक तराजू भी पहुंचा दिए गए है। शासन ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि बाहर से छत्तीसगढ़ में बेचने के लिए लाया जाने वाला धान सीमा पर रोका जाए। कलेक्टरों ने सीमावर्ती जिलों में नाके लगाने के साथ-साथ कई जगह गश्त की व्यवस्था भी की है, ताकि बाहर से धान भरकर आने वाली गाड़ियों को पकड़कर जब्त किया जाए। छत्तीसगढ़ में इस बार किसान से एक एकड़ पर 21 क्विंटल धान 31 सौ रुपए के भाव से खरीदा जाएगा। सीमावर्ती राज्यों में यह रेट भी नहीं है और धान खरीदी के इतने अच्छे इंतजाम भी नहीं हैं, इसलिए धान तस्कर दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान बेचने की कोशिश करते हैं।

इस बार 1 करोड़ 40 लाख बारदानों का इंतजाम

धान खरीदी के अनुमान के हिसाब से मार्कफेड ने इस बार अब तक 1 करोड़ 40 लाख बारदानों का इंतजाम कर लिया है और इन्हें सोसाइटियों में भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि 30 लाख टन धान और आ सकता है, इसलिए 30 लाख बारदानों की जरूरत और होगी। मार्कफेड ने इसके इंतजाम भी कर लिए हैं, अर्थात इस बार बारदानों की जरूरत महसूस नहीं होगी, ऐसा सूत्रों का कहना है। धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन डेढ़ माह पहले शुरू किया गया था। सोसाइटी कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से यह थोड़ा प्रभावित हुआ है, लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद सोसाइटी कर्मी दो दिन पहले लौट चुके हैं। इसलिए एक-दो दिन में इसे भी दुरुस्त कर लिया जाएगा।

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