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साय सरकार का बड़ा फैसला… लोकल चुनाव में आरक्षण अधिकतम 50 प्रतिशत… ओबीसी को एसटी-एससी के बाद इसी सीमा के भीतर रिजर्वेशन

छत्तीसगढ़ की सीएम विष्णुदेव साय सरकार ने नगरीय निकाय तथा पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया है। सीएम साय की केबिनेट ने सोमवार को यह प्रस्ताव पारित कर दिया कि इन चुनावों के संबंध में आरक्षण सब मिलाकर 50 प्रतिशत की सीमा से ऊपर नहीं जाएगा। एसटी और एससी के आरक्षण के बाद आबादी के आधार पर ओबीसी को आरक्षण मिलेगा, लेकिन यह उतना ही होगा ताकि सब मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक न हो पाए। यह प्रस्ताव छत्तीसगढ़़ के पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन और अनुशंसा के आधार पर तैयार किया गया था। नगरीय और पंचायत चुनाव में हिस्सा लेने वाले अधिकांश लोगों को ओबीसी आरक्षण के फैसले का इंतजार था, जो अब स्पष्ट हो गया है।

सीएम साय केबिनेट त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण आयोग के प्रथम प्रतिवेदन एवं अनुशंसा अनुसार आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा 25 प्रतिशत को शिथिल कर ओबीसी वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक ही आरक्षण दिया जाएगा। ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा। यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में 50 प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्यस्तर से तय होते हैं, जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।

साय केबिनेट ने लिए कुछ और महत्वपूर्ण फैसले

साय केबिनेट ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु स्वीकृत शासकीय प्रत्याभूति राशि (14 हजार 700 करोड़ रूपए) की वैधता अवधि को एक वर्ष बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 तक कर दिया है।  केबिनेट ने शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के 97 शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किये जाने का अनुमोदन किया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्याें को वर्ष 2007 से वर्ष 2019 तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम व द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का निर्णय भी लिया गया है। केबिनेट ने राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-29 के प्रारूप एवं प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है। यह औद्योगिक विकास नीति 01 नवम्बर 2024 से 31 मार्च 2030 तक प्रभावशील रहेगी।इस नीति में अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन @2047 की परिकल्पना को साकार करने के प्रावधान हैं। नीति में राज्य के सभी क्षेत्रों में सर्वागींण औद्योगिक विकास के लक्ष्य की पूर्ति के लिए सभी जिलों के विकासखण्डों को तीन क्षेणियों में विभाजित करके दिए जाने वाले औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की मात्रा का निर्धारण भी किया जाएगा। साथ ही, कोर सेक्टर के उत्पादों जैसे स्टील, सीमेंट, ताप विद्युत एवं एल्यूमिनियम के लिए पृथक प्रावधान तथा राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर थ्रस्ट एवं सामान्य उद्योगों में विभाजित किया गया है। साय केबिनेट ने छत्तीसगढ़ के विजन @ 2047 डॉक्यूमेंट के प्रारूप का अनुमोदन भी कर दिया है। इसके अलावा, दिव्यांगजन कार्यालय में राज्य आयुक्त के एक नए पद का निर्णय भी लिया गया है।

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