रायपुर में पुराना खारुन पुल हो या दुर्ग में शिवनाथ का…सेफ्टी चेक शुरू, जरूरी हुआ तो गिराए जाएंगे
सीएम साय-डिप्टी सीएम का फोकस लोगों की सुरक्षा पर, सचिव डा. कमलप्रीत ने शुरू करवाई जांच

बिहार तथा अन्य राज्यों से पुलों के ढहने के लगातार खबरों से छत्तीसगढ़ सरकार पुलों को लेकर अलर्ट हो गई है। सीएम विष्णुदेव साय और पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव के साथ मंथन के बाद पीडब्लूडी के सड़क-पुल डिवीजन ने प्रदेश की नदियों-नालों पर बने बेहद पुराने और हर साल लगभग डूबने वाले पुलों का सेफ्टी चेक शुरू कर दिया है। पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने सभी प्रमुख अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि सरकार खतरनाक और जर्जर पुलों के मामले में जोखिम के लिए तैयार नहीं है। ऐसे तमाम पुलों का सेफ्टी चेक शुरू हो गया है, ताकि पता लगाया जा सके कि मरम्मत के बाद चालू रखने लायक, बरसात में पूरी तरह बंद करने लायक का फिर ढहाने लायक पुल कौन-कौन से हैं। 20 जुलाई तक इन सभी पुलों की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है। इसके तुरंत बाद पुराने तथा अच्छी हालत वाले पुलों की मरम्मत शुरू हो जाएगी। बरसात में जिन पुलों को बंद करना जरूरी है, सभी वैकल्पिक व्यवस्था के साथ इस माह के अंत तक बंद कर दिए जाएंगे। कुछ पुल जो बहुत जर्जर हो गए हैं, लेकिन लोग उसका इस्तेमाल करना बंद नहीं कर रहे हैं, ऐसे सभी पुलों को गिरा दिया जाएगा। जिन पुलों की नए सिरे से सेफ्टी जांच होनी है, उनमें शिवनाथ नदी पर दुर्ग के पास लगभग सौ साल पुराना बड़ा पुल भी शामिल है।
थोड़ी सी भी क्षति हुई, तो इंजीनियर निपटेंगे
शासन ने प्रदेशभर के सड़क-पुल डिवीजन के प्रभारी अफसरों से दो-टूक कह दिया है कि सेफ्टी चेक तत्काल करने की जरूरत है। जांच गंभीरता से होना चाहिए। ऐसे पुल जिन्हें सुरक्षित घोषित करने के बाद बरसात के दौरान जरा भी क्षति की सूचना मिलेगी, तो जांच करनेवाले तथा जांच की निगरानी करनेवाले इंजीनियरों पर कार्रवाई कर दी जाएगी। डा. कमलप्रीत ने बताया कि सरकार की मंशा यही है कि वैकल्पिक मार्ग देकर लोगों को सुरक्षित किया जा सके। ऐसी सूचनाएं लगातार मिलती हैं कि जर्जर पुराने पुलों से भी लोगों का आना-जाना बना रहता है। कई बार तो ऐसे भी होता है कि पुराने पुलों पर पानी चलने लगता है, इसके बाद भी लोग इसपर आते-जाते देखे जा सकते हैं। इसलिए शासन इस नतीजे पर पहुंचा है कि बेहद जर्जर हो चुके पुलों को अब ढहा देना ही एकमात्र उपाय है, ताकि लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।
शासन गंभीर, नहीं हो रही सतत निगरानी
पीडब्लूडी विभाग ने पिछले महीने ब्रिज डिवीजन के प्रमुख अभियंताओं को पुराने पुलों के सेफ्टी चेक के निर्देश दिए थे और कहा था कि पुराने पुलों की सतत निगरानी नहीं हो रही है, इसलिए इनकी हालत और खराब होती जा रही है। इसलिए सभी बड़े पुलों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि संबंधित पुराना पुल मरम्मत के लायक है भी या नहीं। पीडब्लूडी सचिव डा. कमलप्रीत ने कहा कि सीएम-डिप्टी सीएम के निर्देश के आधार पर सभी पुलों की रिपोर्ट मंगवाई जा रही है। अगले कुछ दिन में इस बारे में नीतिगत फैसला ले लिया जाएगा कि किन पुलों को आंशिक तौर पर किन पुलों को स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाए। साथ ही, ऐसे पुल जो इतने पुराने हो चुके हैं कि मरम्मत के लायक नहीं रह गए तथा उनके समानांतर बड़े पुल शुरू हो चुके हैं, उन्हें पूरी तरह ढहाने का फैसला भी जल्द कर लिया जाएगा।