एंटी नक्सल ऑपरेशंस अब और ताक़त से… जवानों का हौसला बढ़ाकर अमित शाह दिल्ली लौटे

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार और सोमवार को छत्तीसगढ़ तथा छह पड़ोसी राज्यों के अफसरों तथा छत्तीसगढ़ में ज़ोरदार अभियान में जुटे सुरक्षाबल के जवानों से बातचीत में इशारा कर दिया है कि एंटी नक्सल ऑपरेशंस अब और ताकतवर होंगे। वजह ये है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह ने मार्च 2026 तक सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि देशभर में माओवाद के खात्मे का लक्ष्य तय कर लिया है। गृहमंत्री शाह ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय से कहा है कि एक तो सरकार को सुरक्षाबलों के साथ पूरी ताक़त से खड़ा रहना है और दूसरा, नक्सल इलाकों में विकास और रोज़गार की रफ़्तार भी बढ़ानी है, ताकि स्थानीय लोगो का भरोसा जीता जा सके।
सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में सुरक्षा बलों के जवानों के साथ संवाद किया। बैठक में सीएम साय भी थे। अमित शाह ने कहा कि वे केंद्रीय सुरक्षा बलों, कोबरा टीम, छत्तीसगढ़ पुलिस बल और डीआरजी के साहस, शौर्य, बलिदान और समर्पण को नमन करते हैं और विश्वास है कि सुरक्षा बल के जवान अपने शौर्य और परिश्रम से ही नक्सलियों के साथ मुठभेड़ को सफल बनाते हैं। सुरक्षा बलों ने जिस शौर्य, धैर्य और समर्पण के साथ माओवादियों के बनाये अड्डों को तहस-नहस किया है, उसने विश्व के सभी सुरक्षा बलों को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि सेना के जवान जो तय करते हैं, वो हासिल करते हैं। सुरक्षा बलों के इसी भरोसे से मैं देश में 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का ऐलान करता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद गरीब आदिवासी क्षेत्र के लिए बड़ी विभीषिका रही है, जिससे पिछले 35 साल में लगभग 40 हजार लोगों की मौत हुई है या फिर वो अपाहिज होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।नक्सलवादी हिंसा ने गरीब आदिवासी तक खाना, बिजली, शिक्षा, घर, शौचालय और पीने का शुद्ध पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं को नहीं पहुंचने दिया और उद्योग को तो भूल ही जाइए। इतने लंबे वर्षों तक इतना बड़ा क्षेत्र गुलामी के कालखंड में जीने को मजबूर रहा। इसका मूल कारण नक्सलवाद है।