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ताबड़तोड़ छापों के बाद राइस मिलर्स के एक गुट ने किया हड़ताल खत्म होने का ऐलान… अध्यक्ष योगेश अग्रवाल बोले- मुझे पता नहीं, हड़ताल जारी

प्रदेशभर में राइस मिलर्स पर ताबड़तोड़ छापों ने राइस मिलरों की एकता को तार-तार कर दिया है और एसोसिएशन दो-फाड़ की कगार पर पहुंच गया है। सोमवार को राइस मिलर्स के एक गुट ने तीन मंत्रियों के साथ धान का एक-एक दाना मिलिंग करने का वादा करते हुए हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। यह भी कहा कि कुछ निहित स्वार्थी समूह लगातार मिलरों और किसानों को लेकर भ्रम फैलाने में लगे थे, आज हमारा सारा भ्रम दूर हो गया। इधर, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने यह कहकर चौंका दिया है कि मुझे हड़ताल खत्म होने की कोई जानकारी नहीं है। मुझसे किसी ने बात नहीं की है और पूर्व घोषणा के अनुरूप हड़ताल जारी है। योगेश ने इस बारे में कोई और टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

राइस मिलर्स एसोसिएशन में फूट की स्थिति पांच साल पहले भी पैदा हुई थी, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी और कांग्रेस समर्थित कुछ मिलर्स ने तत्कालीन एसोसिएशन अध्यक्ष तथा सांसद बृजमोहन अग्रवाल के भाई योगेश अग्रवाल को कथित लोकतांत्रिक तरीके से अपदस्थ करते हुए चुनाव करवाए थे तथा अध्यक्ष के साथ नई कार्यकारिणी बन गई थी। अब भी हालात लगभग उसी तरह के हैं और योगेश अग्रवाल तथा एसोसिएशन के कई पदाधिकारी अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। राइस मिलर्स एसोसिएशन की बागडोर अभी तक योगेश के हाथों में ही है, लेकिन मिलरों के एक गुट ने डिप्टी सीएम अरुण साव, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के सामने हड़ताल खत्म करने की घोषणा करके एसोसिएशन में दो फाड़ के सीधे संकेत दे दिए हैं।

इस बीच, अफसरों ने बताया कि राइस मिलरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को डिप्टी सीएम, खाद्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, खाद्य विभाग के सचिव तथा एमडी के साथ-साथ कुछ और अफसरों से मुलाकात की। मिलर्स ने अपनी मांगों के संबंध में मिले आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी। मिलर्स की मांगों को शासन ने संवेदनशीलता के साथ सुना और सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया। राइस मिलर्स के प्रतिनिधिमंडल ने यह घोषणा भी की कि आने वाले समय में मांगों को मंच देने के लिए राइस मिलर्स की संभागीय टीम बनाएंगे। हम सभी एकजुट हैं और हम शासन तक अपनी बात पहुँचाने के लिए किसी तीसरे पक्ष को दखल देने की जरूरत नहीं है। मिलर्स ने यह भी कहा कि प्रदेश में कुछ निहित स्वार्थी समूह लगातार किसान और मिलरों के विषय में भ्रम फैलाने में लगे थे। आज की बातचीत के बाद उस भ्रम का पूरी तरह से निवारण हो गया है। मिलर्स के इस बयान से साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के टुकड़े होना लगभग तय हो गया है और एसोसिएशन दो फाड़ में बंट गया है। अब देखने वाली बात सिर्फ यही है कि मौजूदा अध्यक्ष योगेश तथा कार्यकारिणी के साथ कितने राइस मिलर्स बचे हुए हैं।

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