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सावन से एक दिन पहले प्रदेश में झमाझम…राजनांदगांव का जिला अस्पताल ही डूबा

छत्तीसगढ़ में शनिवार रात से सक्रिय हुए मानसून के पहले बड़े सिस्टम का असर तुरंत आने लगा है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में दिन में एक-दो बार झमाझम बारिश हुई है। राजधानी रायपुर समेत पूरे संभाग में सिस्टम का असर ज्यादा है और अच्छी बारिश हो रही है। तेज बारिश की वजह से निचली बस्तियों में बाढ़ के हालात हैं, लेकिन सबसे ज्यादा असर राजनांदगांव में देखा गया है। रविवार की शाम हुई तेज बारिश से न सिर्फ शहर की निचली बस्तियों में पानी भरा है, बल्कि इलाके का सबसे बड़ा राजनांदगांव जिला अस्पताल ही डूब गया है। जो सूचनाएं आई हैं, उनके मुताबिक अस्पताल के परिसर में ही नहीं बल्कि भीतर कुछ वार्डों में भी छह इंच से एक फीट तक पानी भर गया है। जिन वार्डों में पानी घुसा है, उनके हालात ऐसे हैं कि मरीज बेड से नीचे नहीं उतर पा रहे हैं।

अस्पताल परिसर ही नहीं, वार्डों में भी भरा पानी

छत्तीसगढ़ में सावन का महीना सोमवार, 22 जुलाई से शुरू होगा। प्रदेश में मानसून की शुरुआत धीमी और कमजोर रही है। जून अंत से जुलाई के पहले दो हफ्ते तक मानसून ब्रेक जैसे हालात थे। लेकिन पिछले दो दिन से हालात संभले हैं और अच्छी बारिश शुरू हो गई है। रायपुर और दुर्ग संभागों में रविवार को दोपहर झमाझम बारिश हुई, जो शाम तक चली। इसी समय राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार, कवर्धा, बालोद और बेमेतरा इलाके में भी अच्छा पानी बरसा है। राजनांदगांव में दोपहर में शुरू हुई मूसलाधार बारिश का असर यह हुआ कि शहर का बड़ा इलाका बाढ़ जैसे पानी की चपेट में आ गया। इसी समय राजनांदगांव जिला अस्पताल में पानी घुसा और तेजी से भर गया। पानी निकालने की कोशिश जारी है। गौरतलब है कि राजनांदगांव जिला अस्पताल दरअसल राजनांदगांव मेडिकल कालेज का भी अस्पताल है और वहां कई तरह की विशेषज्ञ सुविधाएं हैं।

बस्तर के साथ राजनांदगांव में भी भारी वर्षा

बारिश और इमरजेंसी के लिए बनाए गए कंट्रोल रूम के आंकड़ों के मुताबिक मानसून के दौरान अब तक बस्तर के साथ-साथ राजनांदगांव और बालोद जिलों में भी औसत से ज्यादा पानी बरस रहा है। बस्तर के जिलेों में औसतन 500 मिमी तथा राजनादंगांव में 410 मिमी के आसपास बारिश हो चुकी है। प्रदेश में अब तक सर्वाधिक 854 मिमी बारिश बीजापुर में हो चुकी है। यह मानसून के कोटे की लगभग 70 फीसदी है। इसी तरह, 652 मिमी पानी सुकमा में बरस चुका है। मैदानी इलाकों बारिश का औसत 300 मिमी के आसपास है, लेकिन बस्तर से लगे इलाकों में अच्छी वर्षा हो रही है।
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