रायपुर 12 दिन झड़ी में लबालब, आउटर में एक-दो मूसलाधार में ही बाढ़ का खतरा
बीजापुर में सवा दो गुना वर्षाः राजनांदगांव, खैरागढ़-मानपुर में एक्सेस बारिश घोषित
सावन का 12वां दिन है और रायपुर में पहले दिन से लगी झड़ी 12 दिन की हो गई है। जब झड़ी लगी थी, तब रायपुर में बारिश औसत से 40 फीसदी कम थी। शनिवार को यह औसत से 10 फीसदी तक ज्यादा हो गई है। आंकड़़ों से ऐसे समझिए कि रायपुर में अब तक का बारिश का औसत 526 मिमी होना चाहिए, लेकिन यहां वर्षा 570 मिमी से ऊपर हो चुकी है। ज्यादा पानी इन्हीं 12 दिनों में बरसा है, इसलिए यह भरने लगा है। निचली बस्तियों को एक घंटे की बारिश लबालब कर देती है, लेकिन अब आउटर में, खासकर खारुन नदी के आसपास पानी बढ़ने लगा है। नदी ऊपर नहीं आई, लेकिन एक घंटे की बारिश में ही कई जगह सड़कों पर एक-एक फीट की धार चल रही है। रायपुर से लगे बलौदाबाजार में हुई औसत से करीब 40 फीसदी ज्यादा पानी बरस चुका है। इसे मौसम विभाग ने एक्सेस करार दिया है। सिर्फ बलौदाबाजार ही नहीं, बालोद, बलरामपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, खैरागढ़-गंडई, मोहला मानपुर, मुंगेली, नारायणपुर और सुकमा में औसत से कहीं ज्यादा पानी बरस गया है। बीजापुर में तो अब तक 1450 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जबकि छत्तीसगढ़ में पूरे मानसून में वर्षा का औसत 1150 मिमी के आसपास है।
टेबल से समझिए…वर्षा कहां ज्यादा कहां कम
याद करिए…चंदनडीह-भाठागांव़ में चली थी नाव
रायपुर में 1992 में खारुन नदी ने तटों को तोड़ा था और रायपुरा-भाठागांव का बड़ा हिस्सा तथा चंदनडीह गांव लबालब हो गए थे। चंदनडीह में इतना पानी था कि नाव चलाने की नौबत आ गई थी। उसके बाद से अब तक यानी 32 साल में ऐसी बाढ़ तो नहीं आई, लेकिन इस बार बारिश का ट्रेंड जरा अलग है। मानसून की शुरुआत सूखी-सूखी थी, लेकिन पिछले 12 दिन में सभी जगह धुआंधार पानी बरसा है। रायपुर के आउटर में बारिश के दौरान कई कच्ची-पक्की सड़कों पर पानी इतनी तेज धार से चल रहा है कि गाड़ियां चलाना मुश्किल हो गया है। और तो और, मौसम विभाग के मुताबिक बारिश अभी दो दिन और होनी है। शुक्रवार को रात करीब 1 बजे से शुरू हुई बारिश शनिवार को दोपहर 2 बजे के आसपास थमी। हालांकि बारिश ज्यादा तेज नहीं थी, लेकिन जानकारों के मुताबिक जैसी बरसात गुरुवार रात 12 बजे हुई थी, एक-दो बार उसी रफ्तार से एक-एक घंटा पानी बरसा तो आउटर में कई जगह बाढ़ के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
बिलासपुर समेत कुछ जिलों की प्यास नहीं बुझी
दक्षिणी तथा मध्य छत्तीसगढ़ में मानसून जमकर मेहरबान है, लेकिन बिलासपुर और सरगुजा संभाग के बड़े हिस्से अब भी प्यासे ही हैं। मध्य छत्तीसगढ़ में ही बेमेतरा, उत्तर में जशपुर, मनेंद्रगढ़, सक्ती, सारंगढ़, सूरजपुर और अंबिकापुर में पानी औसत से काफी कम बरसा है। सरगुजा सबसे ज्यादा कमी झेल रहा है। वहां औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है। मौसम विभाग का विश्लेषण बताता है कि बिलासपुर, मुंगेली और कोरबा जिले में भी कम बारिश हो रही है।