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जग्गी हत्याकांड में याहया ढेबर और सूर्यकांत, पूर्व पुलिस अफसर गिल, पांडे व त्रिवेदी को जेल

तकरीबन 22 साल पहले रायपुर में राकांपा नेता रामअवतार जग्गी की हत्या में सुप्रीम कोर्ट से सजा बरकरार रहने के कारण आरोपी याहया ढेबर और कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी के साथ तीन पूर्व पुलिस अफसरों एएस गिल, वीके पांडे और आरसी त्रिवेदी ने मंगलवार को रायपुर की अदालत में सरेंडर कर दिया है। अदालत ने सभी को मेडिकल करवाने का आदेश दिया, फिर सभी जेल भेज दिए गए हैं। करीब 10 दिन पहले इसी केस में शूटर चिमन सिंह समेत दो और लोगों ने सरेंडर किया था। दोनों उसी दिन जेल भेजे गए थे।

रायपुर के जग्गी हत्याकांड में तकरीबन दो दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें याहया प्रमुख आरोपियों में एक है। जोगी सरकार में प्रभावशाली रहे कांग्रेस नेता सूर्यकांत तिवारी भी प्रमुख आरोपियों में है। सभी को निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा बरकरार रहने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे, ताकि उन्हें जेल भेजा जा सके। हाईकोर्ट ने इनमें से कुछ आरोपियों को सरेंडर करने की मोहलत दी थी। यह मोहलत सोमवार को खत्म हो गई।

सोमवार को भी सरेंडर करने पहुंचे थे, अदालत ने मंगलवार को बुलवाया

कचहरी के सूत्रों ने बताया कि याहया समेत आरोपी सरेंडर करने के लिए सोमवार को भी कचहरी पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मंगलवार को पेश होने के निर्देश दिए गए। इसी वजह से आरोपियों ने मंगलवार को सरेंडर किया। हत्याकांड के बाद इस केस में इन लोगों के साथ पूर्व सीएम स्व. अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन उन्हें कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया था। इस केस में स्व. जग्गी के बेटे सतीश जग्गी पिछले दो दशक से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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