मंत्री-विधायकों का वेतन बढ़ा था दो साल पहले…साय सरकार के कार्यकाल में कोई वृद्धि नहीं…सरकार ने ऐसी खबर को बताया भ्रामक
छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने मंत्रियों और विधायकों का वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव पास करवाना तो दूर, ऐसी अनुशंसा तक नहीं की है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार में इस तरह का कोई विचार ही नहीं है कि मंत्रियों और विधायकों का वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। भूपेश सरकार के कार्यकाल में 2022 में मंत्रियों-विधायकों का वेतन बढ़ाया गया था। उसके बाद से आज तक किसी तरह की कोई वृद्धि नहीं की गई है और प्रस्तावित भी नहीं है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है। वेतन वृद्धि को लेकर सोशल मीडिया में चल रही खबरों को सरकारी सूत्रों ने भ्रामक करार दिया है।
सोशल मीडिया में शुक्रवार को ऐसी खबर प्रसारित हुई है कि सरकार ने मंत्रियों और विधायकों का वेतन संशोधन प्रस्ताव पास कर दिया है। इसके बाद मंत्रियों और विधायकों का वेतन बढ़ गया है। सरकारी सूत्रों ने ऐसी खबर पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि भूपेश सरकार के कार्यकाल में वेतन संशोधन प्रस्ताव पास किया गया था। उसी समय चुने हुए जनप्रतिनिधियों का वेतन बढ़ा था। तब केवल मंत्रियों-विधायकों का ही नहीं, बल्कि नगरीय निकायों में भी पार्षदों-महापौर आदि का वेतन बढ़ाया गया था। भूपेश सरकार के जाने के बाद सत्ता पर आई साय सरकार ने इस संबंध में प्रस्ताव पास करना तो दूर, किसी तरह का विचार ही शुरू नहीं किया है। यही नहीं, साय सरकार का पूरा फोकस अभी मोदी गारंटी पूरा करने तथा जनहित से जुड़े कार्यों पर है। ऐसे में विधायकों-मंत्रियों की वेतनवृद्धि पर विचार करने का सवाल ही नहीं उठता। सरकारी सूत्रों ने सभी को ऐसी सूचनाओं से सावधान रहने की सलाह दी है। यह भी कहा गया है कि यह सरकार विरोधी तत्वों के षड्यंत्र का हिस्सा भी हो सकता है, जो किसी भी तरह सरकार को बदनाम करना चाहते हैं।