SOUL OF THE SOIL : छत्तीसगढ़ माटी की आत्मा को IAS, IPS, IFS आफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन ने सहेजा काफी बुक में… ऐसा पहला प्रयास, सीएम साय ने किया विमोचन

छत्तीसगढ़ की माटी, सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदेश के अफसरों की पत्नियों के संगठन आफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन ने बेहद खूबसूरती के 200 पेज की एक काफी टेबल बुक में सहेजा है। इस काफी टेबल बुक में बहुत सारी कविताएं संकलित की गई हैं। “सोल ऑफ द सॉयल… लाइफ्स रिदम्स इन छत्तीसगढ़” नाम की इस काफी बुक का सीएम विष्णुदेव साय ने महिला दिवस पर शनिवार को छत्तीसगढ़ क्लब में विमोचन किया। यह कॉफी टेबल बुक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की संयुक्त परिकल्पना है। इसका विमोचन करते हुए सीएम साय ने इस कोशिश की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने से न केवल वर्तमान, बल्कि, आने वाली पीढ़ी भी गौरवान्वित और ज्ञानवान होगी।
इस मौके पर छत्तीसगढ़ की रिटायर्ड आईएएस डॉ. इंदिरा मिश्रा ने कहा कि तीनों ही एसोसिएशन की महिलाओं ने मिलकर यह सुंदर प्रयास किया है। आज महिला दिवस के खास मौके पर 200 पन्नों की इस पुस्तक से प्रिय स्मृतियों का निर्माण हो गया है। आईएएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष तथा चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन की पत्नी रितु अमिताभ जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया। जाह्नवी पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ी कविता का पाठ किया। इस मौके पर आईपीएस ऑफिसर्स वाइफ्स एसोसिएशन की अध्यक्ष ज्योति गौतम, आईएफएस ऑफिसर्स वाइफ एसोसिएशन की अध्यक्ष ज्योति साहू तथा डॉ. वंदना अग्रवाल के अलावा तीनों एसोसिएशन की सदस्य मौजूद थीं।
सीएम साय ने सभी महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि आदिम संस्कृति, कला, साहित्य, लोक संगीत, लोक नृत्य जैसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजना आवश्यक है। इइस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की उपजाउ मिट्टी से किसान तो खुशहाल हुए ही हैं, सभी वर्ग की समृद्धि का रास्ता खुला है। यह धरती सामाजिक चेतना की भूमि है, जहां बाबा गुरू घासीदास जी जैसे महान संत और शहीद वीर नारायण सिंह जैसे बलिदानी पैदा हुए। उन्होंने कहा कि यह धरती माता कौशल्या का मायका और भगवान श्रीराम का ननिहाल है। यह माता शबरी की कर्मभूमि है, जिसे भगवान श्रीराम ने स्वयं माता के हाथों जूठे बेर का भोग लगाकर धन्य किया। वनवास काल में रामलला के चरण कमल यहां पड़े। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को जानने समझने के सुंदर अवसर के रूप में यह किताब अपने उद्देश्यों को लेकर सफल होगी। इस दौरान सीएम साय ने कॉफी टेबल बुक में संकलित की गई कुछ कविताएं भी सुनी।