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झारखंड से शूटर दो, पिस्टल हम देंगे…रायपुर फायरिंग से लारेंस के तार भी जुड़े

चार गैंगस्टर्स को रायपुर लेकर पहुंची क्राइम ब्रांच, कल पेश करेंगे अदालत में

रायपुर में 13 जुलाई को हुई फायरिंग की इनडेप्थ जांच कर रही रायपुर क्राइम ब्रांच यह पता लगाने में कामयाब रही है कि झारखंड के अमन गैंग ने जिस सिरसा गिरोह की मदद से रायपुर में पीआरए कंस्ट्रक्शन पर फायरिंग करवाई थी, वह सिरसा गैंग दरअसल लारेंस विश्नोई गैंग का ही एक पार्ट है। यह बात भी रायपुर पुलिस एस्टेबलिश कर चुकी है कि लारेंग गैंग और अमन गैंग देश के बड़े भूभाग में मिलकर काम कर रहे हैं। अगर कोई गिरोह शूटर अरेंज करता है, तो दूसरा बाइक, पिस्टल तथा सुपारी का खर्च हैंडल कर रहा है। दोनों गिरोह की मिली-जुली वारदातों में मेन हैंडलर मयंक सिंह से जो इंडोनेशिया, सिंगापुर और हांगकांग से आपरेट कर रहा है।

रायपुर फायरिंग केस के आरोपी 4 गैंगस्टरों को रायपुर क्राइम ब्रांच मंगलवार को दोपहर राजधानी ले आई है। तीनों बुधवार तक ट्रांजिट रिमांड पर हैं, इसलिए तीनों को उसी दिन फर्स्ट हाफ में पेश किया जाएगा। लाए गए गैंगस्टर्स में अमनदीप वाल्मीकि भी है, जिसे अरेस्ट करने और यहां तक लाने में छत्तीसगढ़ पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ा है, खासकर हरियाणा में। अमनदीप इस वारदात का मेन हैंडलर बताया जा रहा है। पुलिस की पूछताछ में यह बातें आ रही हैं कि वह इंडोनेशिया में बैठे अमन गैंग के नंबर-2 यानी मयंक सिंह से डायरेक्शन ले रहा था। अमनदीप को लेकर क्राइम ब्रांच में खासी सतर्कता बरती जा रही है।

आठ आरोपी, कोई किसी को नहीं जानता

रायपुर फायरिंग केस में पुलिस को अब तक 6 आरोपी और 2 फरार शूटर्स के नाम मिल गए हैं। खास बात ये है कि ज्यादातर लोग एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। शूटर एक साथ आए थे और बाइक-पिस्टल अरेंज करनेवाले दो लोग साथ थे। बाकी सब अलग-अलग जगह के गैंगस्टर हैं। इनमें कोई अमन गैंग का गुर्गा है तो कोई लारेंस गैंग के लिए काम कर रहा है। जितनी बारीकी से किसी वारदात को पुलिस पीसती है, गैंगस्टर भी प्लानिंग उतनी ही बारीकी से कर रहे हैं। रायपुर में हुई फायरिंग में यह बात आई है कि दोनों शूटर यहां पहले आ गए थे। अगले दिन दो युवक शूटरों के पास बाइक छोड़कर तथा मौका-ए-वारदात दिखाकर चले गए। उसी शाम को एक युवक अलग से आया और पिस्टल-मैगजीन देकर अगले दिन दोपहर 12 बजे के आसपास फायरिंग का शेड्यूल देकर चला गया। इनमें से कोई भी गैंगस्टर बाइक देने वाले या पिस्टल देने वालों को नहीं जानते हैं और सारा काम कोड वर्ड तथा इंटरनेट कालिंग पर करके चले गए।

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