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महादेव एप में चौकाने वाला खुलासा…जिन 50 खातों की जांच जारी, उनमें डेढ़ दर्जन रायपुर के

जांच जारी, नए तथ्य मिल रहे हैं लेकिन अभी काफी काम बाकीः एसएसपी संतोष सिंह

  • रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह आईपीएल के दौरान फाइनेंशियल क्राइम कंट्रोल पर लगातार समीक्षा कर रहे हैं। 

महादेव एप सट्टे में कोलकाता और गोवा में छापेमारी के बाद रायपुर साइबर क्राइम टीम को लगभग 42 छोटे और 3 बड़े खातों की जानकारी मिली थी, जिनकी जांच में चौंकाने वाले बातें सामने आ रही हैं। पता चला है कि इनमें से 15 से ज्यादा (करीब डेढ़ दर्जन) बैंक खातों का ताल्लुक सीधे रायपुर से है। महादेव एप सट्टा देशभर में चल रहा था, लेकिन रायपुर में ही इतनी बड़ी संख्या में खाते मिलना बड़े मामले की तरफ इशारा कर रहा है। रायपुर में महादेव बुक सट्टे की पूरी जांच खुफिया तौर पर सीधे एसएसपी संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में चल रही है। द स्तम्भ से एसएसपी संतोष सिंह ने सिर्फ इतना ही कहा कि जांच चल रही है, नए तथ्य मिल रहे हैं। इस मामले में थोड़ा काम बाकी है, इसलिए नई जानकारियों पर कुछ दिन बाद ही बातचीत करने की स्थिति बनेगी।

महादेव एप के मामले में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान भी छापेमारी हुई थी, जिनमें रायपुर के कई लोगों के बारे में प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस, दोनों को सूचना मिली थी। अभी ईडी की रिपोर्ट पर आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (ईओडब्लू) इस मामले की जांच कर रहा है। इस बीच, रायपुर पुलिस ने गंभीर सूचनाओं पर कोलकाता और गोवा में दो बड़ी छापेमारी कर नए तथ्य सामने लाए थे। उसी की जांच के दौरान बैंक खाते पकड़े गए थे। सूत्रों के अनुसार रायपुर की सायबर क्राइम यूनिट इन खातों की जांच कर रही है। खातों में केवायसी का पता लगाया जा रहा है, ताकि सही खातेदार तक पुलिस पहुंचे। इसी कड़ी में खातों का लोकेशन और खातेदारों के नाम मिल रहे हैं और यह भी पता चल रहा है कि कहां-कहां कितने खाते हैं। इसी छानबीन में रायपुर के बैंक अकाउंट ज्यादा निकल रहे हैं।

किसी खाते में 50 हजार से ज्यादा बैलेंस नहीं, क्योंकि रकम बढ़ते ही सीधे ट्रांसफर

जो छोटे खाते मिल रहे हैं, उनमें से अधिकांश में 50 हजार रुपए से ज्यादा बैलेंस नहीं है। खास बात ये है कि इन खातों में एक ही दिन में दस-दस बार आनलाइन ट्रांसफर लिए गए हैं। जब-जब इन खातों में रकम 50 हजार रुपए से ऊपर जाती थी, पैसे कुछ बड़े खातों में तुरंत आनलाइन ट्रांसफर कर दिए जाते थे। यह जांच का बड़ा क्लू है, क्योंकि जिन बड़े खातों में रकम जा रही थी, उनका सीधा ताल्लुक मुंबई से दुबई तक सक्रिय सट्टे के संचालकों तथा चेकर्स से बताया जा रहा है, जो चौबीसों घंटे ट्रांजेक्शन की निगरानी रख रहे थे।

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