कवर्धा का सरोधा बांध बड़ी मछलियों का छोटा समंदर… 5 फिट 11 इंच की 65 किलो की फिश निकली… हाल में 85 किलो वाली भी फंसी थी

कवर्धा का सरोधा बांध छत्तीसगढ़ के बेहद खूबसूरत बांधों में से एक तो ही है, यह मछलियों के लिए जैसे छोटे से समंदर जैसा हो गया है। यहां पिछले कुछ समय से इतनी बड़ी-बड़ी मछलियां निकल रही हैं, जैसी पहले कभी नहीं निकलीं। बुधवार की रात इस बांध में मछुआरों ने जाल डाला। सुबह जाल खींचा तो यह बहुत भारी था। सभी को लगा कि कोई पत्थर वगैरह होगा। लेकिन जब इसे खींचा तो हैरत का ठिकाना नहीं रहा। तीन बड़े मछुआरों ने किसी तरह जाल खींचकर मछली को बाहर निकाला। इसे नापा तो मुंह से पूंछ तक इसकी लंबाई 5 फीट 11 इंच निकली। किसी तरह बाहर निकालकर इसे तौला गया। वजन से सभी आश्चर्यचकित रह गए, क्योंकि यह 65 किलो आया। छत्तीसगढ़ में बड़े-बड़े बांध और जलाशय हैं, लेकिन इतनी बड़ी मछलियां निकलना किसी इतिहास से कम नहीं है। इस मछली के निकलने के बाद बांध के मछली ठेकेदार बताने लगे कि कुछ दिन पहले 85 किलो की मछली भी निकली थी। सरोधा बांध बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन मछलियों के साइज से लग रहा है कि उनके लिए यह किसी छोटे समंदर से कम नहीं है। बहरहाल, इस मछली को बुधवार को ही कवर्धा के बाजार में बेच दिया गया।
मछली पालन विभाग के सहायक संचालक आरडी सिंह ने पुष्टि की कि सरोधा बांध से 65 किलो की मछली निकली है। इससे पहले 85 किलो की भी निकली थी। यह बांध मछली पालन के लिए तीन स्थानीय समितियों को दिया गया है। यही समितियां मछली पालती हैं और निकालकर बेचती हैं। बहरहाल, अब आपको इस मछली के बारे में बताते हैं। यह रोहू या कतला नहीं बल्कि ब्लैक कार्प फिश थी। छत्तीसगढ़ की मछुआ समितियां इसका बीज भी डालती हैं। कुछ दिन पहले इसी बांध से निकली 85 किलो की मछली बीटकार प्रजाति की थी। यह मछलियां बड़ी होती हैं, लेकिन इतनी बड़ी और वजनी भी नहीं, जितनी सरोधा बांध से निकल रही हैं।