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विधानसभा घेराव से पहले रायपुर पुलिस ने की बलवाइयों पर लाठीचार्ज-फायरिंग की रिहर्सल
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रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को दंगाइयों-बलवाइयों से निपटने तथा आपात स्थिति पैदा होने पर बल प्रयोग, लाठीचार्ज और फायरिंग तक की रिहर्सल की है। पुलिस लाइन में हुई इस रिहर्सल के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बलौदाबाजार में प्रशासन-पुलिस दंगाइयों से निपटने में नाकाम रही थी, इसलिए रायपुर में रिहर्सल की गई ताकि कानून- व्यवस्था की स्थिति से निपटने की प्लानिंग की जाए। दूसरा, कांग्रेस 24 जुलाई को विधानसभा घेराव करने जा रही है, जिसमें प्रदेशभर से कांग्रेसी पहुंचेंगे। हालात बेकाबू न हों, इसलिए भी पुलिस ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि इस रिहर्सल को दोनों ही मामलों से अलग करते हुए सामान्य बलवा रिहर्सल बताया गया है।
रायपुर एसएसपी आईपीएस संतोष कुमार सिंह के निर्देश पर प्रदर्शनकारियों और दंगाइयों से निपटने के लिए पुलिस लाइन में करीब 4 घंटे तक रिहर्सल चली है। रिहर्सल ठीक उसी तरह की गई, जैसे सामान्य आंदोलनों में अगर प्रदर्शनकारी बेकाबू हो जाएं, तो उनसे पुलिस किस तरह निपट सकती है। इसके लिए जवानों की अलग-अलग टीम बनाई गई थीं। इनमें टियर गैस पार्टी, केन पार्टी, लाठी पार्टी, राइफल पार्टी और मेडिकल पार्टी शामिल हैं। जवानों के बीच से ही आंदोलनकारियों का दल बनाया गया। रिहर्सल इस तरह की गई कि आंदोलनकारी प्रदर्शन के दौरान उत्तेजित हो गए और पुलिस पर पथराव करने लगे। ऐसे लोगों को पुलिस ने पहले तो उन्हें चेतावनी दी, वे फिर भी नहीं माने तो आंसू गैस के गोल दाग दिए। इसके बाद भी आंदोलनकारी नहीं रुके, तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारी नियंत्रित नहीं हुए, जब मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद फायरिंग कर दी गई। इसमें कुछ प्रदर्शनकारी और कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए, जिन्हें मेडिकल टीम ने अस्पताल पहुंचाया। इस तरह हुई रिहर्सल में करीब चार घंटे लगे और अफसर सभी टीमों को वहीं बिंदुवार समझाते रहे कि किस परिस्थिति से किस तरह निपटना है।
प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे थे रिहर्सल में
इस रिहर्सल में रायपुर के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पुलिस के राजपत्रित अधिकारी, आरआई, थाना प्रभारी के अतिरिक्त पुलिस महकमे के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। हालांकि अफसरों ने बताया कि कानून-व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस इस तरह की मॉकड्रिल समय-समय पर करती है। ताकि भीड़ नियंत्रण एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सके।