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देश में तीसरा सबसे बड़ा, 2829 वर्ग किमी का होगा हमारा गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व
छत्तीसगढ़ में चार व देश में 56 टाइगर रिजर्वः सीएम साय ने पीएम का जताया आभार
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व‘ को देश के 56वें टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफाई कर दिया है। यह टाइगर रिजर्व मनेंद्रगढ़, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में फैला है। इसका क्षेत्रफल 2829 वर्ग किलोमीटर होगा। इसमें 2049 किलोमीटर एरिया टाइगर हैबिटेट के लिए कोर एरिया घोषित किया गया है। बफर एरिया 780 वर्ग किलोमीटर है। इतने बड़े भूभाग को कवर करने की वजह से गुरु घासीदास तमोरपिंगला आंध्रप्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम रिजर्व और असम के मानस रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होगा। सीएम विष्णुदेव साय ने टाइगर रिजर्व को नोटिफाई करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव का आभार जताया है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व बनाया है। यह मध्यप्रदेश में संजय दुबरी टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है, जिस वजह से करीब साढ़े 4 हजार किमी का टाइगर एरिया बन जाता है। यह टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ तथा झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के भी नजदीक है।
छोटा नागपुर और बघेलखंड पठार में स्थित
बता दें कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने अक्टूबर, 2021 में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य को अधिसूचित करने के लिए अंतिम मंजूरी दी थी। छोटा नागपुर पठार और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित यह टाइगर रिजर्व विविध भूभागों, घने जंगलों, नदियों और झरनों से समृद्ध है। इसीलिए इसे समृद्ध बायोडायवर्सिटी के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां बाघों के निवास के लिए गुफाएं वगैरह भी बड़ी संख्या में हैं।
कई संकटग्रस्त प्रजातियां भी इस रिजर्व में
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण द्वारा गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व से 365 अकशेरुकी (कीट वर्ग) और 388 कशेरुकी सहित कुल 753 प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया गया है। कशेरुकी जीवों में पक्षियों की 230 प्रजातियाँ और स्तनधारियों की 55 प्रजातियाँ शामिल हैं, जिनमें दोनों समूहों की कई संकटग्रस्त प्रजातियाँ शामिल हैं। इस अधिसूचना के साथ, छत्तीसगढ़ में अब 4 बाघ रिजर्व हो गए हैं।