अब लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रे्शन करवाना होगा… सरकारी अमला समय-समय पर जांच भी करेगा… लोगों की सुरक्षा के लिए साय सरकार का फैसला

राजधानी समेत छत्तीसगढ़ के सभी शहरों में अब बड़े पैमाने पर लिफ्ट और रायपुर में एस्कलेटर (चलने वाली सीढ़ी) का उपयोग काफी बढ़ गया है। बीच-बीच में लिफ्ट रुकने या दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें आती रहती हैं। इन हादसों से आम लोगों को सुरक्षित करने के लिए सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने अहम फैसला लेते हुए लिफ्ट और एस्कलेटर का पंजीयन अनिवार्य कर दिया है। इस रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण भी करवाना होगा और समय-समय पर सरकारी अमला लिफ्ट और एस्कलेटर्स की सुरक्षा जांच भी करेगा। यह फैसला इसलिए लिया गया, ताकि लिफ्ट और एस्कलेटर्स का इस्तेमाल करने वालों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सीएम साय के निर्देश पर लिफ्ट और एस्केलेटर से जुड़ी सभी सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट में शामिल कर दिया गया है। इसके तहत इन सेवाओं को अधिकतम 30 दिन के भीतर पूरा करना अनिवार्य होगा। अगर तय समय में काम नहीं होता है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इससे उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों को समय पर सेवा मिलेगी ।
मुख्य विद्युत निरीक्षणालय को इस काम की जिम्मेदारी दी गई है। निरीक्षणालय ने सभी बिल्डरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और लिफ्ट संचालकों से अपील की है कि वे नए नियमों का कड़ाई पालन करें और सुरक्षित रूप से लिफ्ट और एस्कलेटर की सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। जानकारों के मुताबिक इससे बीमा का खर्च भी घटेगा और कारोबार का जोखिम कम होगा। सीएम साय ने कहा कि आम जनता की सुरक्षा और सुविधाओं सरकार की प्राथमिकता है। लिफ्ट और एस्केलेटर की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है। इसलिए हमने इस सेवा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया है, ताकि हर लोगों को समय पर सेवा मिले और उनका भरोसा बना रहे।