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बेहद सख्ती के साथ ली गई NEET परीक्षा… टाइम 20 मिनट कम, 20 प्रश्न भी घटाए… पर्चा माडरेट, आल इंडिया व स्टेट कटआफ 2023 के आसपास

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कई बदलावों के साथ नीट का एग्जाम लिया और एग्जाम देने पहुंचे बच्चों के लिए बेहद कड़े नियमो का पालन किया गया। नीट देने वाले बच्चे पेंसिल बाक्स नहीं ले जा सके। बेल्ट तक परमिट नहीं दी गई। कोरोना के बाद नीट के पेपर में 200 क्वेश्चन रहते थे, जिनमें 180 बनाने होते थे। एग्जाम टाइम में 20 मिनट ज्यादा था। सारी सुविधाएं खत्म कर दी गईं। नीट के परचे में ठीक180 प्रश्न पूछे गए। परीक्षा दोपहर 2 बजे से शुरू होकर 5 बजे यानी ठीक तीन घंटे में खत्म कर दी गई। द स्तम्भ ने नीट एग्जाम में अपीयर बच्चों से बात की, तो उन्होंने बताया कि टाइम मैनेजमेंट का मामला कठिन रहा। पर्चा एनसीईआरटी पर बेस्ड था, लेकिन सरल नहीं था। बच्चों का पेपर देखने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार मेडिकल कालेज में दाखिले के लिए आल इंडिया कटआफ 625-30 और छत्तीसगढ़ में स्टेट कटआफ 550 के आसपास रहने की संभावना है, यानी कटआफ की स्थिति 2023 के आसपास ही रहेगी।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इस दफा नीट परीक्षा में बहुत एहतियात बरती है। ऐसा कई साल में पहली बार हुआ, जब नीट का परचा किसी भी प्राइवेट स्कूल-कालेज भवन में नहीं बल्कि केवल सरकारी शिक्षण संस्थानों में ही लिया गया। एनटीए ने एग्जाम देने वाले बच्चों के लिए गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी थी। ड्रेस कोड वगैरह तय था, नीट में अपीयर होने वाले बच्चों को पता होता है कि उन्हें क्या नहीं करना है। लेकिन एनटीए ने इस दफा नियम कुछ ज्यादा कड़े कर दिए। पेंसिल बाक्स भीतर नहीं जाने दिए गए। बहुत सारे बच्चे बेल्ट लगाकर गए थे, इसे भी उतरवा लिया गया। गर्ल्स के लिए भी कई एक्सेसरीज बैन थी, जिसका सख्ती से पालन किया गया। एग्जाम सेंटर में परीक्षा शुरू होने से आधा घंटे पहले तक ही परीक्षार्थियों को भीतर आने दिया गया। इसके बाद जो लोग आए, नियम ऐसे थे कि उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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