NEET Counselling: छत्तीसगढ़ के 5 प्राइवेट मेडिकल कालेजों की सरकारी फीस तय, साढ़े 7 से साढ़े 10 लाख रु वार्षिक
3 निजी फार्मेसी कालेजों को फीस स्ट्रक्चर से अलग किया, इनमें बालाजी समेत रायपुर से दो
मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए नीट की काउंसिलिंग शुरू होते ही छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के 5 प्राइवेट मेडिकल कालेजों की केवल सरकारी तौर पर फीस तय कर दी है। जारी आदेश के मुताबिक एमडी-एमएस (क्लीनिकल) के लिए शंकरा-भिलाई की वार्षिक फीस 10 लाख 54 हजार रुपए तथा रिम्स रायपुर की फीस 9 लाख 84 हजार रुपए तय की गई है। इसी तरह, एमबीबीएस के लिए अगले तीन साल तक की फीस तय हुई है। इनमें बालाजी कालेज-मोवा की फीस 8 लाख 2 हजार रुपए वाषिक होगी। नए कालेजों में एमबीबीएस के लिए रावतपुरा कालेज-नवा रायपुर की सालाना फीस 7 लाख 45 हजार रुपए निर्धारित की गई है। जुनवानी के अभिषेक आई मिश्रा कालेज के लिए भी वार्षिक फीस इतनी ही होगी। एमबीबीएस कोर्स साढ़े 4 वर्ष का होगा। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी निजी कालेज केवल अंतिम वर्ष के लिए निर्धारित वार्षिक फीस की आधी ही ले सकेंगे। बता दें कि निजी कालेजों की तुलना में छत्तीसगढ़ के सरकारी कालेजों की फीस नाममात्र ही है। अधिकांश सरकारी मेडिकल कालेजों में जनरल कैटेगरी के लिए यह फीस 50 हजार रुपए वार्षिक से कम है। सरकारी कालेजों में एमबीबीएस में दाखिले के लिए बेहद कड़ी प्रतिस्पर्धा है। जहां तक फीस का सवाल है, यह अधिकांश निजी स्कूलों में नर्सरी के बच्चों से ली जा रही सालाना फीस की लगभग आधी है।
3 निजी फार्मेसी कालेजों में सुविधाओं का अभाव
छत्तीसगढ़ की फीस विनियामक कमेटी ने तीन प्राइवेट फार्मेसी कालेजों फीस निर्धारित नहीं करने का फैसला किया है, अर्थात इस साल वहां एडमिशन नहीं हो सकेंगे। इन कालेजों के नाम रिशीकेष इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी-सेजबहार, नुपूर कालेज आफ फार्मेसी-पुराना धमतरी रोड रायपुर तथा श्री बालाजी इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी-रायपुर बताए गए हैं। शासन से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विनियामक कमेटी ने इन कालेजों का निरीक्षण किया और पाया कि वहां मौके पर शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक स्टाफ नहीं पाया गया। इसी तरह, प्रयोगशाला और लाइब्रेरी भी व्यवस्थित नहीं मिली, या उनमें सामग्री ही नहीं थी। इस आधार पर समिति ने इन कालेजों की वार्षिक फीस ही तय नहीं करने का फैसला कर लिया।