झीरम में 27 कांग्रेस नेताओं के नरसंहार में शामिल था नक्सल कमांडर जगदीश… फोर्स ने 12 साल बाद घाटी से सौ किमी दूर गोलियों से भून डाला

सुकमा के केरलापाल में फोर्स ने शनिवार को जिस नक्सली कमांडर जगदीश उर्फ बुधरा को मार गिराया, वह 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा किए गए 27 कांग्रेस नेताओं के नरसंहार में शामिल था। उस वक्त वह कमांडर नहीं था, लेकिन झीरम कांड के कुछ समय बाद उसे शीर्ष नक्सल नेताओं ने उसी दरभा डिवीजन का कमांडर बना दिया था, जिसके अंदर झीरम घाटी भी है। करीब 40 साल का जगदीश उर्फ बुखरा कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा। अरनपुर में पिछले साल जिस मुठभेड़ में डीआरजी जवान शहीद हुए थे, जगदीश उसे लीड कर रहा था। उस पर 25 लाख रुपए का ईनाम था। उसने इलाके की बहुत सारी युवतियों को नक्सली बनाकर ट्रेंड किया था। यही वजह थी कि फोर्स ने शनिवार को जगदीश के साथ जिन 16 नक्सलियों को मार गिराया, उनमें वर्दी में 11 हार्डकोर महिला नक्सली भी हैं।
जगदीश को झीरम घाटी नरसंहार के बाद नक्सली संगठन में लगातार प्रमोशन मिलते रहे। वह खूंखार नक्सली माना जाता था। उसे दक्षिण बस्तर की बड़ी स्पेशल जोनल कमेटी का मेंबर भी बना दिया गया था। जगदीश उर्फ बुधरा हमलों की प्लानिंग और इंप्लीमेंटेशन करने वाले कमांडरों में एक माना जाता था। जगदीश को झीरम नरसंहार की वजह से दरभा डिवीजन का कमांडर बनाया गया। हालांकि वह सुकमा में कूकानार इलाके के पिट्टेडब्बा गांव का था और वहीं से नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था। पिछले छह माह में जितने नक्सली कमांडर मारे गए हैं, उनमें जगदीश काफी अहम था और फोर्स का मानना है कि जगदीश के मारे जाने से झीरम घाटी वाले दरभा डिवीजन में नक्सलियों की धमक पर काफी असर पड़ेगा। फोर्स ने अधिकृत तौर पर अभी जगदीश के मारे जाने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन बस्तर में उसके शव का फोटो वायरल है और बताया जा रहा है कि यह फोटो शनिवार को सुकमा के केरलापाल इलाके में मारे गए कमांडर जगदीश का है।