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अनोखा केस… बीएसएनएल के टेंडर में ठेकेदार ने चिप्स का अनुभव प्रमाणपत्र लगाया… चिप्स ने ऐसे सर्टीफिकेट से ही किया इंकार… दर्ज की जाएगी चारसौबीसी

ठेका लेने के लिए सरकारी एजेंसियां अनुभव प्रमाणपत्र मांगती हैं और ठेकेदार टेंडर के साथ ऐसे सर्टीफिकेट लगाते भी हैं। लेकिन ऐसा कम होता है कि एजेंसियां अनुभव प्रमाणपत्र की सच्चाई का पता लगाने के लिए इसकी जांच ही करवा दें। दरअसल छत्तीसगढ़ की एक फर्म ने बीएसएनएल में ठेका लेने के लिए छत्तीसगढ़ की एजेंसी चिप्स का अनुभव प्रमाणपत्र लगवा दिया। बीएसएनएल ने इसे क्रास चेक करवाया, तो चिप्स ने ऐसा सर्टीफिकेट ही जारी करने से इंकार कर दिया। बात केवल फर्जीवाड़े के खुलासे तक खत्म नहीं हुई है। चिप्स ने इस मामले में सिविल लाइंस थाने में चारसौबीसी की रिपोर्ट भेज दी है।

चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि ठेका कंपनी दिनेश इंजीनियरिंग लिमिटेड ने बीएसएनएल के टेंडर के साथ चिप्स में काम करने का अनुभव प्रमाणपत्र लगाया था। बीएसएनएल से यह अनुभव प्रमाणपत्र चिप्स तक पहुंच गया। चिप्स के अफसर जांच के बाद हैरान रह गए, क्योंकि उनकी ओर से ऐसा अनुभव प्रमाणपत्र ठेकेदार को कभी जारी ही नहीं किया गया था। चिप्स ने ठेकेदार को लगातार चिट्ठियां लिखीं और यह जानने की कोशिश की कि यह प्रमाणपत्र उन्हें कैसे और किसकी मदद से मिला। लेकिन ठेकेदार ने इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं दी। इसलिए चिप्स के सीईओ ने रविवार, 2 फरवरी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ चारसौबीसी का केस दर्ज करने के लिए कहा है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस मामले की तुरंत जांच की जाए, ताकि पता चले कि आखिरकार यह फर्जीवाड़ा किन लोगों ने मिलकर किया। बता दें कि ठेकेदार ने बीएसएनएल के टेंडर में चिप्स के भारतनेट फेज-2 प्रोजेक्ट का अनुभव प्रमाणपत्र लगाया है।

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