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रायपुर में ‘खजाने का द्वीप’ जो 13 साल पंगों में उलझा रहा… टैक्स के बवाल में ही बंद रहा मॉल का काम… रमन सरकार में पड़ी नींव, सीएम साय ने अब किया शुरू

राजधानी से तेलीबांधा होकर कृषि विश्वविद्यालय जाने वाला शहर का हर व्यक्ति जब जोरा के ओवरब्रिज से उतरता था, तब लेफ्ट में एक खंडहर होती विशाल इमारत को देखकर जरूर कहता था- यहां एक मॉल बन रहा था लेकिन बरसों से काम बंद है। जब यहां काम शुरू हुआ था, तब बताया गया था कि छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मॉल बनने वाला है। उसका नाम भी (इंग्लिश में) खजाने के द्वीप जैसा था। इंदौर की एक पार्टी का है वगैरह-वगैरह। इस विशाल भवन का निर्माण डा. रमन सिंह की सरकार में संभवतः 2012 के आसपास शुरू हुआ था। दो-ढाई साल में इसने शेप लेना शुरू कर दिया। बन ही रहा था कि अचानक नगर निगम का एक पंगा सामने आया। उस समय टैक्सेशन का एक मामला शुरू हुआ। इस मामले का डीटेल इतने लंबे समय बाद यहां देना उचित नहीं होगा, लेकिन उस पंगे में सबसे बुरी तरह यही माल प्रभावित हुआ। जानकारों के मुताबिक विवाद इतना बढ़ा कि इसका निर्माण 2017 के आसपास बंद हो गया। लोग पूछते रहे कि यह कब बनेगा। कई तरह के विवाद की चर्चाएं चलती रहीं और इस बिल्डिंग के भीतर एक-दो पीले रंग के लट्टू जलते रहे बस, बाकी घुप्प अंधेरा। निर्माणाधीन इमारत में बारिश-धूप की वजह डार्क ग्रीन और ब्लैक टाइप के थब्बे पड़ने लगे। आप यकीन नहीं करेंगे कि कई लोग इस इमारत को दिखाकर छोटे बच्चों को कई तरह की स्कैरी कहानियां भी सुनाने लगे थे। एक बड़े वर्ग को दुख था कि इतनी प्राइम प्रापर्टी, इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट यूं ही बर्बाद हो रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद इस माल का काम फिर शुरू हुआ। बत्तियां जल गईं, उजाला हुआ और फिर यह शेप लेने लगा। पिछले एक साल में इस बिल्डिंग ने अपनी खूबसूरती फिर हासिल कर ली। अब तो यह अपनी पूरी भव्यता के साथ नजर आ रहा है। शुक्रवार को सीएम विष्णुदेव साय और पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने इस माल का फीता काटकर उद्घाटन कर दिया। सीएम साय ने मॉल में सर्व सुविधायुक्त सिनेमा हॉल का शुभारंभ किया। उसमें विष्णु के सुशासन पर एक फिल्म सबसे पहले दिखाई गई। बाद में सीएम साय ने मीडिया से कहा कि यह नया प्रतिष्ठान लोगों को आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुएं, मनोरंजन और सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएगा और आसपास के लोगों को रोजगार मिलेगा। इस  मॉल का नाम भी द्वीप और खजाने से बदलकर लगे हुए एक गांव पर रखा गया है।

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