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जांजगीर, सक्ती, कोरबा में कलेक्टर-एसपी बांध लें कुर्सी की पेटी… भरी बैठक में सीएम साय बोले- अच्छा काम करें, अच्छा बर्ताव करें, लापरवाही के जिम्मेदार होंगे

सीएम विष्णुदेव साय ने जांजगीर, सक्ती और कोरबा के कलेक्टर एसपी तथा अफसरों की बैठक में कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्होंने जांजगीर में सड़क बनाने के प्रस्ताव में देरी पर भरी बैठक में नाराजगी जाहिर कर दी। यही नहीं, तीनों जिलों में हुए कामकाज का अपडेट लेने के बाद उन्होंने यह भी कह दिया- कलेक्टर और एसपी अच्छा काम करें। आम लोगों और जनप्रतिनिधियों से सौहार्द्रपूर्ण बर्ताव करें। ग्रामीण इलाकों में ज्यादा दौरों की जरूरत है। सीएम सिर्फ यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कह दिया कि जनहित के कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके लिए कलेक्टर और एसपी ही सीधे जिम्मेदार होंगे।

सुशासन तिहार के तीसरे चरण यानी समाधान शिविर वाले चरण में यह अफसरों की पहली बैठक थी, जिसमें सीएम ने बड़ा इशारा किया है। जांजगीर-चांपा, सक्ती और कोरबा में सीएम साय ने जिस तरह से तेवर दिखाए हैं, उसे लेकर एक आला अफसर ने द स्तम्भ से बातचीत में सीधी टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन एक मूवी का चर्चित डायलाग जरूर जड़ दिया- तीनों जिलों के कलेक्टर-एसपी कुर्सी की पेटी बांध लें… मौसम बिगड़ने वाला है। इससे कई तरह के संकेत उभर रहे हैं। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सीएम ने खामोश रहने के बजाय नाराजगी जाहिर कर दी है, इसलिए अब मौसम ज्यादा नहीं बिगड़ेगा।

सीएम साय ने सुशासन तिहार के पहले दिन यानी सोमवार को जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत कार्यालय में तीन जिलों जांजगीर-चांपा, सक्ती एवं कोरबा में संचालित शासकीय योजनाओं, निर्माण कार्यों एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। इस बैठक में तीनों जिलों के कलेक्टरग-एसपी और अफसरों के अलावा छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन, सीएम के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह और सचिव पी. दयानंद भी मौजूद थे। सीएम ने तीनों जिलों में सभी योजनाओं के अपडेट लिए, इसके बाद जांजगीर-चांपा जिले में स्वीकृत सड़कों की मंजूरी में हो रही देरी पर नाराजगी जता दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ सुशासन स्थापित करने का काम कर रही है। तीनों जिलों का उल्लेख करते हुए सीएम ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में अच्छा काम हुआ है, लेकिन इनकी गति और गुणवत्ता और बढ़ाने की जरूरत है। कलेक्टर, एसपी और अच्छा काम करें। अधिकारी ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण इलाकों का दौरा करें। आम जनता और जनप्रतिनिधियों से सौहाद्रपूर्ण बर्ताव करें। अधिकारी पूरे समर्पण और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें। जनहित के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिले में इसके लिए सीधे कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा सीएम साय ने सभी योजनाओं को लेकर अपनी राय रखी और जानकारियां भी दीं। लेकिन तीनों जिलों के अफसरों को लेकर सीएम की ओर से आई टिप्पणी रात तक राज्यभर की ब्यूरोक्रेसी में वायरल है।

इस बैठक में प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी ने पंजीयन विभाग द्वारा आरंभ की गई 10 नवीन जनहितकारी सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन के निर्देश दिए। सीएम साय ने अंत में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों के साथ सम्मानजनक संवाद बनाए रखें और छत्तीसगढ़ के समावेशी एवं विकसित भविष्य के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करें।

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