अंबेडकर अस्पताल में इंप्लांट से सुनने की क्षमता लौटी…एक बीएससी मैथ्स में फर्स्ट क्लास, दूसरी का 10वीं में अच्छा स्कोर…डाक्टरों ने किया सम्मान

अंबेडकर अस्पताल में सोमवार को दो ऐसे छात्रों का डाक्टरों ने सम्मान किया, जो अस्पताल आए तो सुन नहीं सकते थे। इनका काक्लियर इंप्लांट किया गया, जिसके बाद उन्होंने श्रवण यंत्रों के इस्तेमाल से सुनना शुरू किया। कुछ दिन के संघर्ष से दोनों ने अपने जीवन को सामान्य किया और पढ़ाई पर फोकस कर दिया। एक ने बीएससी (मैथ्स) एग्जाम फर्स्ट क्लास मार्क्स से पास किया, तो 10वीं की छात्रा ने 10वीं बोर्ड में तगड़ा स्कोर कर दिया। इंप्लांट के बाद मशीनों से सुनने वाले इन दोनों छात्रों के अच्छे रिजल्ट पर अंबेडकर अस्पताल (जेएनएम मेडिकल कालेज) में कान नाक गला (ईएनटी) की एचओडी डा. हंसा बंजारा और उनकी टीम ने सम्मानित किया है।
कामयाब सर्जरी की खबरें तो बहुत आती हैं, लेकिन इंप्लांट या सर्जरी के बाद जीवन में कामयाब हो जाए, ऐसी बातें कम ही सामने आती हैं। अंबेडकर अस्पताल में सोमवार को दोनों छात्रों की इस कामयाबी ने पूरे ईएनटी डिपार्टमेंट को गदगद कर दिया। एचओडी डा. हंसा बंजारा ने बताया कि दोनों बच्चों का काक्लियर इंप्लांट हुआ था, यानी के श्रवण यंत्रों के इस्तेमाल से ही सुनते हैं। इंप्लांट के बाद दोनों ने ही अपने जीवन को सामान्य किया और पढ़ाई में ताकत लगाई। इसका नतीजा यह था कि भावना ने 10वीं और आदित्य ने बीएससी में अच्छा प्रदर्शन किया। डॉ. हंसा ने कहा कि दोनों ही कॉक्लियर इम्प्लांट श्रवण यंत्र का इस्तेमाल करते हैं, और समाज को यह दिखाने में कामयाब रहे कि समय रहते अगर इम्प्लांट किया जाए, तो ये भी एजुकेशन में नार्मल बच्चों जैसा प्रदर्शन कर सकते हैं। ईएनटी विभाग की पूरी टीम ने दोनों छात्रों की इस उपलब्धि पर प्रोत्साहित करने के लिए भेंट दी और भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं।