संभावित सरकार का टास्क देकर पूर्व सीएम भूपेश को मुंबई भेजा था पार्टी ने… महाराष्ट्र में कांग्रेस का ऐसा हाल, 24 घंटे में ही वापस रायपुर
महाराष्ट्र में कांग्रेस को महाविकास अघाड़ी यानी कांग्रेस-शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद पवार) के एमवीए ग(ठबंधन से काफी उम्मीद थी और पार्टी में उच्चस्तर पर यह अनुमान भी लगाया जा रहा था कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन सकती है। तीन दलों का गठजोड़ था, इसलिए कांग्रेस ने अपने दिग्गज सिपहसालारों को शुक्रवार को मुंबई बुलवा लिया था। राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के कद्दावर नेता के रूप में स्थापित हो चुके छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी तुरंत मुंबई जाने के लिए कहा गया था, और वे 22 दिसंबर की शाम मुंबई पहुंच भी गए। बताते हैं कि वहां उन्होंने महाराष्ट्र के नेताओं से बातचीत भी शुरू कर दी थी। परिणाम के मद्देनजर कांग्रेस विधायकों को एक जगह इकट्ठा रखने की तैयारी हो चुकी थी। लेकिन शनिवार, 23 नवंबर को सुबह जैसे ही गिनती हुई, महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना (एकनाथ) और एनसीसी (अजित पवार) की महायुति ने जैसे चुनावी भूचाल ला दिया। कांग्रेस और सहयोगियों के लिए परिणाम लैंडस्लाइड की तरह थे, क्योंकि उसका गठबंधन 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 50-60 सीटों के बीच डूबने-उतराने लगा। कांग्रेस को महाराष्ट्र में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। पार्टी के विधायकों की संख्या इतनी बड़ी विधानसभा में 20-22 के आसपास घूम रही है। हालात ये हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा में महाविकास अघाड़ी का कोई भी घटक दल नेता प्रतिपक्ष बनाने लायक संख्या के आधे पर भी नहीं पहुंच पाया है। बहरहाल, महाराष्ट्र में एनडीए 220-225 सीटों के साथ बड़े बहुमत की ओर बढ़ गया है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी की सीटें इतनी कम हैं कि वह किसी भी जोड़तोड़ से सरकार तो दूर, नेता प्रतिपक्ष बनाने की स्थिति में भी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इस नतीजों के बाद मुंबई में एकत्र हुए कांग्रेस के छत्रप मायूस होकर अपने-अपने राज्यों को लौट रहे हैं। छत्तीसगढ़ से शुक्रवार की शाम ही गए पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी शनिवार को शाम सात-साढ़े 7 बजे फ्लाइट से वापस रायपुर लौटेंगे। वे रायपुर में नहीं रुकेंगे, एयरपोर्ट से सीधे अपने भिलाई स्थित निवास पर जाएंगे।