पहली बार अपराधियों की संपत्ति जब्त कर उसे पीड़ितों को दिलवाएगी पुलिस… आईजी अमरेश ने रायपुर समेत 5 जिलों में शुरू करवाया एक्शन

रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, धमतरी और गरियाबंद जिलों की पुलिस अब अपराधियों की संपत्ति जब्त कर इसे उन लोगों को मुआवजे के तौर पर दिलवाने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगी, जो वास्तव में उस अपराधी से पीड़ित हुए हों। आईजी अमरेश मिश्रा ने पूरी रेंज के पांच जिलों में यह पहल की है। सोमवार को आईजी अमरेश ने रायपुर एसएसपी डा. लाल उमेद सिंह, महासमुंद एससपी आशुतोष सिंह, बलौदाबाजार एसपी भावना गुप्ता, धमतरी एसपी सूरज सिंह परिहार तथा गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा समेत रेंज के आला पुलिस अफसरों की बैठक में इन जिलों में पीड़ितों को अपराधियों की संपत्ति से कंपन्सेशन दिलवाने की पहल की है। माना जा रहा है कि अगर आने वाले दिनों में ऐसा कुछ होता है, तो यह पहली बार होगा। आईजी अमरेश ने पांचों जिलों के एसपी तथा आला अफसरों को निर्देश दिए हैं कि संगठित अपराधियों को तोड़ने के लिए अपराध से अर्जित की गई संपत्ति की जब्ती के साथ-साथ इस दिशा में भी एक्शन लेना है कि पीड़ितों को हर्जाना यानी Victim Compensation इसी संपत्ति से दिलवाया जा सके।
आईजी अमरेश ने कहा कि इसके लिए अपराध की जांच करनेवाले अफसरों को ई-साक्ष्य एवं आई-ओ मितान पोर्टल का उपयोग करना चाहिए। सभी एसपी को दोबारा निर्देशित किया गया है कि उनके यहां नशे की अवैध बिक्री से संबंधित एनडीपीएस एक्ट के मामलों में अपराधी की आर्थिक जांच यानी financial investigation भी होना चाहिए, ताकि अपराध से अर्जित की गई प्रापर्टी जब्त और कुर्की की जा सके। समीक्षा बैठक में आईजी अमरेश का फोकस रायपुर समेत सभी जिलों में ट्रैफिक का सिस्टम तैयार करना था। उन्होंने कहा कि हर जिले की पुलिस ऐसे कदम उठाए जिससे हादसों में कमी नजर आने लगे। इसके लिए अवैध पार्किंग, मालवाहक वाहन में सवारी बिठाने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ अलग से कार्रवाई करते हुए उन्हें बाउण्डओवर भी करना चाहिए। आईजी ने सख्ती से कहा कि ढाबों में शराबखोरी रोकी जाए।