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शावक के शव की तलाश में हाथियों ने 10 घंटे घेरे रखा मुंबई-हावड़ा ट्रैक… सभी ट्रेनें रोकनीं पड़ीं, धीमी गति से अब भी घंटों लेट

झारखंड के चाईबासा इलाके में सोमवार को अजीब घटना हुई। दरअसल हफ्तेभर पहले एक मालगाड़ी हाथियों के झुंड से टकराकर निकली थी। इस हादसे में हाथियों के एक बच्चे की मौत हो गई और एक घायल हो गया। हाथी के एक घायल बच्चे को इलाज के लिए नंदन कानन चिड़ियाघर पहुंचाया गया। मृत हाथी के शव आर घायल हाथी के बच्चे को ढूंढता हुआ 23 हाथियों का दल रात में अचानक उसी जगह पहुंचा, जहां हादसा हुआ था। हाथी पटरी पर घूम-घूमकर संभवतः शव की तलाश में लगे रहे तथा बेहद आक्रामक थे। सूचना मिलते ही मुंबई-हावड़ा रूट से गुजरनेवाली ट्रेनें जहां थीं, वहीं रोक दी गईं। बिलासपुर जोन में भी कई जगह ट्रेनों को घंटों खड़ा रखा गया। छत्तीसगढ़ से जाने वाली ट्रेनों के साथ-साथ वहां से आने वाली ट्रेनें भी 5 से 10 घंटे तक रुकने की वजह से लेट हो गईं। सुबह हाथियों के झुंड के बाद रेलवे ने एहतियातन ट्रेनों को 10 किमी की रफ्तार से जंगल क्रास करने के निर्देश दिए, ताकि हाथियों का झुंड नजर आए तो ट्रेन तुरंत दूर में ही रोक दी जाएं। क्योंकि आक्रामक हाथियों से ट्रेनों को भी खतरा हो सकता है। शाम को रेलवे ने स्पीड लिमिट बढ़ाकर 40 किमी फिक्स की है, यानी ट्रेनें धीमी ही चल रही हैं। इसका असर छत्तीसगढ़ में आने और जाने वाली 16 ट्रेनों पर बड़ा है और यह घंटों लेट हैं। जहां हादसा हुआ था, वन विभाग और रेलवे की टीमें कुछ दूरी बनाए रखकर मौके पर हैं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हाथियों का झुंड मृत शावकों को ढूंढता हुआ दोबारा नहीं आएगा। इसलिए अगले कुझ दिन तक इस इलाके से ट्रेनें सावधानी से ही गुजारी जाएंगी। रेलवे के जानकार सूत्रों का कहना है कि इससे मुंबई-हावड़ा रूट की ट्रेनें अगले दो-चार दिन तक कुछ और लेट हो सकती हैं।

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