शासन

नशे पर पुलिस का वार होते ही चाकूबाजी, छेड़छाड़ के केस राजधानी में घटने लगे

रायपुर पुलिस की निजाम मुहिम का असर, 4 माह में छेड़छाड़ में भी कमी

रायपुर में नशा छोटे अपराधों की बड़ी वजह है, यह बात नशे पर वार करने वाले रायपुर पुलिस के निजात अभियान की वजह से साबित हो गई है। चार महीने में रायपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ 3157 कार्रवाई कीं। पुलिस चार माह में अपराधों में सब मिलाकर 7 फीसदी की कमी आई है। पुलिस और सरकार ही नहीं, बल्कि समाज में भी बड़ी संख्या में लोग मानकर चल रहे हैं कि चाकूबाजी, जानलेवा हमला और छेड़छाड़ जैसे अपराध तो पुलिस के नशे पर वार की वजह से ही कम हुए हैं। आईजी अमरेश मिश्रा और एसएसपी संतोष सिंह ने द स्तंभ से कहा कि डीजीपी अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन में रायपुर में निजात अभियान को अब और सख्त तथा प्रभावी बना रहे हैं, ताकि नशेबाज अपराधियों की कमर तोड़ी जा सके।

द स्तंभ को जनवरी से अप्रैल तक रायपुर में दर्ज अपराधों के आंकड़े मिले हैं। रायपुर में एसएसपी संतोष सिंह ने इसी अवधि निजात अभियान चलाया। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल इसी अवधि की तुलना में रायपुर में आईपीसी के कुल अपराध में 7 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान मारपीट जैसे मामलों में कमी 5 फीसदी है, लेकिन हत्या के प्रयास में 22 प्रतिशत, चाकूबाजी में 31 प्रतिशत और छेड़छाड़ में 23 फीसदी कमी दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक नशा बेचने वालों के खिलाफ एनडीपीएस व आबकारी में इसी दौरान बड़ा तथा ताबड़तोड़ एक्शन लिया गया है। चार माह में ही रायपुर जिले में पुलिस ने 3,157 ऐसे केस बनाए हैं। इनमें 3,241 लोगों को बुक किया गया। 378 आरोपी जेल गए और 6,176 लीटर शराब जब्त की गई।

कार्रवाई ही नहीं, जागरुकता-काउंसिलिंग भी

एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि नशा बेचने वालों के खिलाफ तो शिकंजा कसा ही है, इस दौरान पुलिस ने नशे के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाकर समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का काम भी किया है। इसके तहत चार माह में करीब साढ़े तीन सौ कार्यक्रम करवाए गए, जिनमें इंस्पेक्टर और डीएसपी-एएसपी के अलावा एसएसपी और आईजी भी शामिल हुए। यही नहीं, नशेड़ियों की सभी थानों में काउंसिलिंग भी चल रही है और मोहल्लों में कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं।

नशे में गाड़ी चलानेवालों पर भी कसा शिकंजा

पिछले चार माह में तंबाकू-विरोधी कोटपा एक्ट के तहत 1,141 लोगों पर कार्यवाही हुई। नशे में गाड़ी चलाने वाले 983 लोगों पर एमवी एक्ट के कार्यवाही करते हुए प्रत्येक प्रकरण को कोर्ट भेजा गया, जहां प्रत्येक ऐसे चालक पर दस-दस हजार रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।

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