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अमलीडीह जमीन मामला सीएम साय के संज्ञान में…लैंड यूज का ऐसा प्रावधान निकला कि बिल्डर को आवंटन असंभव… इसमें राजनैतिक प्रभाव की पड़ताल भी

बिलासपुर के रामा बिल्डकान को राजधानी में अमलीडीह की 9 एक सरकारी जमीन ट्रांसफर के मामले में नया मोड़ आ गया है। विधायक मोतीलाल साहू ने पूरा मामला सीएम विष्णुदेव साय के संज्ञान में लाया था और पता चला है कि सीएम साय ने इसे गंभीरता से ले लिया है। अफसरों ने दस्तावेजों की पड़ताल शुरू की है, तो उनके हाथ राजस्व विभाग की ओर से 28 जून 2024 को जारी किया गया एक आदेश हाथ लगा है। इस आादेश की कंडिका 3 में इस बात का उल्लेख है कि इस भूखंड के व्यवस्थापन या आवंटन के पहले छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के तहत नियमानुसार मद परिवर्तन की कार्रवाई आवश्यक होने पर सुनिश्चत की जाए। आदेश की शुरुआत ही इन लाइनों से हो रही है- राज्य शासन एतदद्वारा ग्राम अमलीडीह, तहसील व जिला रायपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 223 बटा 1 शामिल 233 बटा 5, रकबा 3.203 हेक्टेयर शासकीय भूमि को विकास योजना में प्रस्ताव भू-उपयोग के प्रावधान के अनुसार बदलने के लिए संचालनालय, नगरग तथा ग्राम निवेश से कराए जाने की शर्त के पश्चात ही लीज एग्रीमेंट जारी करेंगे। इस आदेश में इन शर्तों के पालन के उपरांत ही रामा बिल्डकान द्वारा पार्टनर राजेश अग्रवाल तहसील व जिला रायपुर को भूमिस्वामी अधिकार में व्यवस्थापन-आवंटन की सशर्त स्वीकृति प्रदान की गई है।

भूमि उपयोग या लैंड यूज को लेकर जो शर्तें इसी साल 24 जून को जारी आदेश में लिखी गई हैं, द स्तंभ ने रेवेन्यू के जानकार अफसरों से इस बारे में डिसक्शन किया है। उनका कहना है कि अमलीडीह का यह भूखंड तभी रामा बिल्डकान को नियमानुसार लीज पर दिया जा सकता है, जब इसका लैंड यूज विधिवत चेंज किया जाए क्योंकि यह भूखंड शैक्षणिक प्रयोजन के लिए आरक्षित है और इसे आवासीय में डायवर्ट करना होगा। यह प्लाट रायपुर के मास्टर प्लान में एजुकेशनल पर्पस के लिए रिजर्व है। जाहिर है कि लैंडयूज मास्टर प्लान के अनुसार टाउन प्लानिंग विभाग करेगा। मास्टर प्लान में उल्लेखित जमाीन के लैंडयूज की प्रक्रिया जटिल है। लैंडयूज चेंज का प्रस्ताव शासन से होता हुआ जरूरत पड़ने के केबिनेट में भी जाएगा, क्योंकि मामला अहम है। सीएम साय की केबिनेट में शुरू से अब तक लैंडयूज चेंज से जुड़े किसी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दिए जाने का फैसला ही नहीं हुआ है। अफसरों का कहना है कि लीज या आवंटन का आदेश राजस्व विभाग ने किया है, लेकिन यह शर्त इतनी सख्त है कि इसे पूरी किए बिना रामा बिल्डकान को जमीन ट्रांसफर होना मुश्किल है। बहरहाल, सूत्रों के मुताबिक सरकार इस मामले की बारीकी से पड़ताल में लगी है। चर्चा तो यह भी है कि यह भी पता लगाया जा रहा है कि एक्जेक्टली किस राजनैतिक व्यक्ति के कहने पर किस राजनीतिक व्यक्ति ने इस पूरे मामले को आगे बढ़वाया है। चर्चा यह भी है कि इस मामले को लेकर जल्दी ही कोई बड़ा परिणाम भी आ सकता है।

देखिए राजस्व विभाग से जारी किया आदेश

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