बस्तर के 70 माओवाद पीड़ितों ने गृहमंत्री शाह को बताया दर्द… कहा- साय सरकार की संवेदनशीलता से जागी उम्मीद
बस्तर में माओवादी हिंसा में अपने अंग, परिजन तथा घर-बार गंवा देने वाले 70 माओवाद पीड़ित लोग राजधानी नई दिल्ली में अपना दर्द बयान करने पहुंचे हैं, ताकि पूरे देश को उनकी पीड़ा का एहसास हो। इस दल ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की तथा अपना दुख-दर्द साझा किया। गृहमंत्री शाह ने उनकी पीड़ा को संजीदगी से सुना और हर संभव मदद का वादा भी किया। इन पीड़ितों ने गृहमंत्री शाह के सामने सीएम विष्णुदेव साय और सरकार की सहृदयता तथा संवेदनशीलता के लिए तारीफ की। यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने बस्तर में जिस तरह शांति और सुरक्षा के साथ-साथ विकास के लिए काम शुरू किया है, उससे काफी उम्मीदें जागी हैं।
बस्तर शांति समिति की अगुवाई में माओवादी पीड़ितों ने गृहमंत्री शाह को बताया कि नक्सली हमलों के कारण उनके जीवन में गंभीर व्यवधान आए हैं। अमित शाह ने इन लोगों के संघर्ष और साहस की प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीड़ितों ने यह भी बताया कि वे छत्तीसगढ़ सरकार और सीएम साय के कार्यों से प्रभावित होकर अपनी बात दिल्ली तक लाने का साहस कर पाए हैं। राज्य सरकार ने जिस तरह से बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों और सुरक्षा प्रयासों को प्राथमिकता दी है, उसने इन लोगों को यह हिम्मत दी कि वे अपनी आवाज़ दिल्ली में उठाएँ। पीड़ितों ने कहा कि सीएम साय ने न केवल उनके दर्द को समझा है, बल्कि यह भरोसा भी दिलाया कि हमारे साथ न्याय होगा। गृहमंत्री शाह ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे इन परिवारों का पुनर्वास हो सके और वे एक बार फिर सामान्य जीवन जी सकें। यह दल 21 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात कर उन्हें प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति और विकास योजनाओं से अवगत करवाएगा।