6 माह पहले गड्डा खोदकर छोड़ा, शिकायतों पर खामोश बना रहा निगम… 6 साल के बच्चे की मौत हुई तब गड्ढा पाटा, जोन कमिश्नर-इंजीनियरों को अब नोटिस

(मासूम की मौत के बाद सोमवार को घेरा गया गड्ढा)
गुढ़ियारी इलाके के गुलमोहर पार्क में नगर निगम ने किसी वाटर सप्लाई योजना में 6 माह पहले बड़ा गड्ढा खुदवा दिया। कालोनी तथा आसपास के लोग शिकायतें करते रहे कि गड्ढे में कोई हादसा हो जाएगा, लेकिन नगर निगम के कानों में जूं नहीं रेंगी। गड्ढा वैसा ही रहा और पानी भरने की वजह से और खतरनाक हो गया। लोगों को जिसका डर था, 13 अप्रैल को आखिरकार वही हुआ। गड्ढे में तीन बच्चे गिरे, जिनमें से मोहल्ले के ही एक युवक ने दो को तो जीवित निकाल लिया, लेकिन 6 साल के मासूम दिव्यांश की मृत्यु हो गई। बच्चे की जान जाने के बाद नगर निगम का अमला जागा और गड्ढे को सोमवार को पाटा गया। जिन अफसरों ने छह माह तक किसी की नहीं सुनी, उनके खिलाफ कार्रवाई का दावा किया गया। लेकिन सोमवार को ही राज खुला कि कार्रवाई के नाम पर निगम कमिश्नर विश्वदीप ने जोन-6 के कमिश्नर और इंजीनियरों समेत आधा दर्जन लोगों को नोटिस ही दिया है। इस नोटिस में सभी से 24 घंटे में जवाब मांगा गया है। उधर, पूरी कालोनी और मोहल्ला उबल रहा है कि बच्चे की मौत के जिम्मेदार नगर निगम वाले ही हैं।
मासूम दिव्यांश की मौत के मामले में जोन-6 कमिश्नर हितेंद्र यादव, कार्यपालन अभियंता अतुल चोपड़ा, प्रभारी सहायक अभियंता आशीष श्रीवास्तव, उप अभियंता हिमांशु चंद्राकर, जल कार्य ठेकेदार कमल रात्रे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अलावा जोन-6 से सहायत अभियंता योगेश यदु, उप अभियंता अंकिता अग्रवाल तथा ठेकेदार मधुसूदन अग्रवाल को भी नोटिस दिया गया है। सभी से 24 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। इनके जवाब के बाद मंगलवार को ही स्पष्ट होगा कि इनकी जिम्मेदारी किस तरह तय की जाएगी।
गड्ढों को लेकर पूरा निगम सक्रिय, 24 घंटे का वक्त
बच्चे की मौत के बाद पूरे नगर निगम में शहर में खोदकर छोड़े गए गड्ढों के मामले में हलचल मच गई है। मेयर मीनल चौबे, कमिश्नर विश्वदीप समेत नगर निगम के हर जोन में ऐसे गड्ढों को 24 घंटे में पाटने का अल्टीमेटम दिया जा रहा है। हालांकि किसी भी स्तर से यह सवाल नहीं किया गया है कि जिन गड्ढों को 24 घंटे के भीतर पाटने या घेरने के निर्देश दिए गए हैं, आखिर उन्हें खोदकर छोड़ा क्यों गया और इसके लिए जिम्मेदार कौन है।