नई औद्योगिक नीति लांच… साय सरकार रोजगार ट्रेनिंग के लिए देगी प्रति व्यक्ति 13 हजार रु तक सबसिडी… प्रदेश को हेल्थ हब बनाने का संकल्प
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने नई औद्योगिक नीति लांच कर दी है। इस नीति की खास बात ये है कि अगर कोई इंडस्ट्री एक हजार से अधिक युवाओं को रोजगार देती है, तो सीएम साय ने उस इंडस्ट्री को बी-स्पोक पॉलिसी के तहत रियायतों के साथ-साथ युवाओं को रोजगार मूलक प्रशिक्षण देने पर प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपये प्रतिमाह तक के अनुदान का प्रावधान भी नई औद्योगिक नीति में किया है। नवा रायपुर के रिसार्ट में पालिसी लांच करते हुए सीएम साय ने कहा कि हमने इस नई नीति को रोजगार परक और विकसित भारत के विजन-2047 के अनुरूप तैयार किया है। नीति में विकसित छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण का लक्ष्य तय किया है।
नई औद्योगिक नीति को लांच करते हुए सीएम साय ने कहा कि हमने पहली बार इस नीति के माध्यम से राज्य में पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में निवेश को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। आने वाले वर्षों में हम भौगोलिक स्थिति, आवागमन के आधुनिक साधनों और सबकी भागीदारी से छत्तीसगढ़ को देश का ‘‘हेल्थ हब’’ बनाने में सफल होंगे। जगदलपुर के नजदीक 118 एकड़ पर औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण प्रारंभ करने जा रहे हैं। पूर्व के ‘‘न्यूनतम 20 एकड़ भूमि’’ के स्थान पर अब सरकार ने ‘‘15 एकड़ भूमि’’ पर निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क की स्थापना की अनुमति देने का निर्णय लिया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को स्वयं का रोजगार देने के लिए भी सरकार कटिबद्ध है। सीएम साय ने बताया कि हम इन वर्गों के उद्यमियों को मात्र 1 रूपये प्रति एकड़ की दर पर औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि दे रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि उद्योग स्थापना एवं संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम हो एवं यथासंभव सेल्फ सर्टिफिकेशन अथवा ऑनलाइन हो, ताकि उद्योग हेतु आपको सरकार के पास आने की आवश्यकता न पड़े। इस मौके पर उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के अलावा डिप्टी सीएम अरुण साव के साथ मंत्रियों में केदार कश्यप, रामविचार नेताम, ओपी चौधरी और टंकराम वर्मा, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, चैंबर के चेयरमैन अमर परवानी तथा उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार भी उपस्थित थे।
नई औद्योगिक नीति की कुछ खास बातें
- अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है।
- अजा-जजा, महिला उद्यमियों, अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को एमएमएमई के अनुरुप किया गया।
- पहली बार एमएसएमई सेवा एवं वृहद सेवा उद्यमों के लिये पृथक-पृथक प्रोत्साहन।.
- नई नीति में विशिष्ट श्रेणी के उद्योगों के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान है।
- पहली बार ग्रीन उद्यम की परिकल्पना साकार करने निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान।