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अविश्वसनीय मर्डर मिस्ट्री…आरोपी का बयान- स्टील कारोबारी के बेटे ने दी थी खुद की सुपारी…कैश और अपने गहने भी दिए थे, इसलिए मार डाला

सरगुजा पुलिस ने कुछ घंटे में मामला सुलझाया पर आरोपी की स्टोरी से सब हैरान

अंबिकापुर में स्टील कारोबारी के बेटे अक्षत अग्रवाल की गोली मारकर हत्या की जांच में सरगुजा पुलिस ने गुमशुदगी के चार घंटे के भीतर आरोपी संजीव मंडल को पकड़ लिया। उससे मर्डर वैपन समेत 3 पिस्टल, करीब 25 गोलियां और फायर गोलियों के तीन खोखे भी बरामद कर लिए। लेकिन उसने मर्डर की जो वजह बताई, उस पूरी स्टोरी से सरगुजा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ पुलिस के आला अफसर भी हैरान हैं क्योंकि यह अविश्वसनीय लग रही है। आरोपी मंडल ने पुलिस को बताया कि अक्षत ने उसे बुलवाया और कहा कि किसी को मारना है, शूटर को सुपारी दे दो। उसने पिस्टल-गोलियां और 50 हजार रुपए कैश के साथ कई तोले की मोटी चेन और भारी ब्रेसलेट तथा अंगूठियों समेत सात-आठ लाख रुपए के गहने भी मंडल को दिए। आरोपी संजीव मंडल ने पुलिस से पूछताछ में कहा कि- जब उसने पूछा कि किसे मारना है, तब अक्षत ने कहा कि उसे ही मारना है। आरोपी का कहना है कि इतने जेवर और पैसे देखकर उसे लालच आ गया। दूसरे को सुपारी देने के बजाय उसने खुद अक्षत के सीने में गोलियां दाग दीं और पिस्टल झाड़ियों में छिपाकर भाग गया। जेवर अपने पास रखे और कैश में 2 हजार रुपए खर्च कर डाले। पुलिस ने शव मिलने के तीन-चार घंटे के भीतर यह सब कुछ आरोपी से बरामद कर लिया है, लेकिन आरोपी ने जो स्टोरी बताई है, सरगुजा के अफसर उसे अविश्वसनीय मानकर और इन्वेस्टिगेशन की जरूरत महसूस रहे हैं। सरगुजा एसपी आईपीएस योगेश पटेल ने कहा कि इस मामले में आज की तारीख तक तो स्टोरी यही है, लेकिन हमें और इन्वेस्टिगेशन की जरूरत महसूस हो रही है। सबसे अहम सवाल ये है कि कोई व्यक्ति खुद की सुपारी दूसरे को क्यों देगा जबकि उसके पास सारे साधन हैं…। इसलिए सरगुजा पुलिस आरोपी संजीव मंडल को आज ही कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की अर्जी लगा रही है। सारे अफसर यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आरोपी द्वारा बताई गई यह स्टोरी कुछ अन्य कारणों को छिपाने के लिए झूठ-मूठ तो नहीं गढ़ी गई है?

इस केस में सरगुजा पुलिस ने जबर्दस्त काम किया है। मंगलवार को देर रात पुलिस को अक्षत की गुमशुदगी की सूचना मिली। केस हाईप्रोफाइल था, इसलिए एसपी ने माहिर अफसरों को लगाया। करीब 4 घंटे में पता चल गया कि वह आखिरी बार संजीव मंडल के साथ देखा गया था। पुलिस ने संजीव मंडल को दबोच लिया। उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तब उसने बताया कि शहर के बाहर हुंडई क्रेटा में अक्षत का शव है। शव मिलने के बाद आरोपी की निशानदेही पर अक्षत की चेन-ब्रेसलेट-अंगूठी, पैसे और पिस्टल-गोलियां भी बरामद कर ली गईं। लेकिन आरोपी मंडल ने जो कहानी बताई, उससे सरगुजा ही नहीं बल्कि रायपुर के पुलिस मुख्यालय में बैठे लगभग सारे आला अफसर हैरान हैं। आरोपी अब तक इसी कहानी पर अड़ा है कि मृतक अक्षत ने ही उससे अपनी सुपारी देने के लिए संपर्क किया था। पुलिस अफसरों के कई सवाल हैं कि कोई भी व्यक्ति खुद को मारने की सुपारी पैसे-गहने देकर किसी दूसरे को नहीं दे सकता, कम से कम अब तक तो ऐसा सुनने में नहीं आया है। इस किस्से के बाद पुलिस ने अक्षत के घरवालों से बात की। अफसरों के मुताबिक पूरा परिवार खुशहाल है, घर और कारोबार दोनों में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। तब ऐसा करने की क्या वजह हो सकती है। तकरीबन सभी अफसरों को शक है कि आरोपी कुछ छिपा रहा है और उसने झूठी कहानी गढ़ दी है। अगर यह स्टोरी झूठी है तो सच क्या है, सरगुजा पुलिस ने यह पता लगाने के लिए तकनीकी तौर पर और इन्वेस्टिगेशन में महारत वाले तमाम पुलिस अफसरों को झोंक दिया है। एसपी योगेश पटेल ने द स्तंभ से कहा है कि आरोपी ने अब तक अक्षत की हत्या की जो वजह बताई है, वह पूरे जिले की पुलिस ही नहीं बल्कि सभी को हैरान करनेवाली है। इसीलिए हम आरोपी संजीव मंडल से गहन पूछताछ तथा इस केस में पूरी गहराई से इन्वेस्टिगेशन की अब भी जरूरत महसूस की जा रही है।

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