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रायपुर के सभी 70 पार्षदों का आज से बैंगलुरू-मैसूर दौरा…ये चुनावी कवायद नहीं बल्कि शैक्षणिक भ्रमण

राजधानी रायपुर के सभी 70 पार्षद मंगलवार को बैंगलुरू और मैसूर के दौरे पर रवाना हो रहे हैं। मेयर एजाज ढेबर भी साथ जा रहे हैं। बताया गया है कि यह दौरा राज्य सरकार ने सेंक्शन किया है। पूरे पार्षद जा रहे हैं, जाहिर है कि कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों से हैं। कुछ पार्षदों ने बताया कि यह प्रवास दरअसल शैक्षणिक भ्रमण है। सभी कुछ न कुछ सीखकर ही लौटेंगे। जनप्रतिनिधियों ही नहीं, अफसरों के भी ऐसे देश-विदेश प्रवास होते रहते हैं, जिसमें वे कुछ न कुछ सीखकर ही लौटते हैं। पार्षदों का बैंगलुरू-मैसूर प्रवास ऐसा ही है।

राजधानी के लोगों को जैसे-जैसे पता चल रहा है कि सभी पार्षद बैंगलुरू रवाना हो रहे हैं, उनके दिमाग में तुरंत पालिटिक्स घूम रही है। कुछ का मानना है कि पार्षदों के इस भ्रमण से ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार दिवाली के तुरंत बाद रायपुर समेत पूरे प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव करवा सकती है। वे इसे पिछले दो दिन तक चली भाजपा की बैठक से जोड़ रहे हैं। इन बैठकों में मुख्य चर्चा नगरीय चुनाव की ही हुई है। भाजपा के सभी नेता हर बैठक में कार्यकर्ताओं से अपील कर रहे हैं कि जैसा विधानसभा और लोकसभा में किया, अब वैसा करना है। इसी बात को लोग पार्षदों के भ्रमण से जोड़ रहे हैं। उनका कहना है कि पार्षद शैक्षणिक भ्रमण से लौटते ही नई ऊर्जा के साथ शहर सरकार के राज-काज में भिड़ेंगे, ऐसा लग रहा है।

इस भ्रमण को लेकर चल रही चर्चाओं में एक और मजेदार सवाल है यह भी है कि राज्य सरकार भाजपा के पार्षदों को भ्रमण पर भेज रही है, यहां तक तो ठीक है लेकिन कांग्रेस पार्षदों में उत्साह का संचार करने की कोशिश क्यों की जा रही है? फिर लोग इसका जवाब देते हैं कि हो सकता है, राज्य सरकार शैक्षणिक भ्रमण के मामले में कोई भेदभाव नहीं करना चाहती हो। सबको बराबरी से सीखने का मौका देने चाहती हो। कांग्रेस खेमे के कुछ लोगों का मानना है कि शायद महापौर एजाज ढेबर अड़ गए हों कि जाएंगे तो सब, वर्ना कोई नहीं। इसलिए सभी पार्षद जा रहे हैं। खैर, अधिकृत तौर पर बताया जा रहा है कि यह शैक्षणिक भ्रमण ही है। लोगों को भी यह समझना चाहिए कि इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

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