गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों बाबा जोरावर और बाबा फतेह की वीर गाथा अब स्कूली कोर्स में… सीएम साय का वीर बाल दिवस पर ऐलान

छत्तीसगढ़ के स्कूली कोर्स में गुरु गोविंद सिंह के साहबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की वीर गाथा शामिल की जाएगी। सीएम विष्णुदेव साय ने गुरुवार को वीर बाल दिवस पर रायपुर के मेडिकल कॉलेज सभागार में बौद्धिक संगोष्ठी में यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह और वीर साहबजादों की शिक्षा को अपनाते हुए नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से जोड़ना चाहिए। इस दौरान सीएम ने वीर साहबजादों की जीवनी पर आधारित एनिमेटेड फिल्म भी देखी। मिली जानकारी के मुताबिक अगले कुछ दिन में दोनों साहबजादों की वीर गाथा तैयार की जाएगी और तय किया जाएगा कि किस कक्षा की किताब में बलिदान की इस कथा को शामिल किया जाएगा। इस संगोष्ठी को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
सीएम साय ने बौद्धिक संगोष्ठी में कहा कि देश की हर पीढ़ी गुरु गोविंद सिंह एवं उनके साहबजादों के बलिदान को याद रखेगी। देश के लिए जीना और देश के लिए जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों की आहुति देने की प्रेरणा वीर बाल दिवस से मिलती है। यह दिवस राष्ट्र की एकता और अखंडता का भी स्मरण कराता है। सीएम साय ने कहा कि समाज को तोड़ने वाली ताकतें हर दौर में सक्रिय रहती हैं। लेकिन गुरुगोविंद सिंह और उनके साहबजादों जैसे वीर जिस धरती पर जन्म लेंगे, उसकी ओर कोई आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। दोनों साहबजादे किसी एक धर्म या पंथ के प्रेरणास्रोत नहीं, बल्कि पूरे भारत और विश्व के लिए अनुकरणीय हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कट्टरता और उन्माद को कभी जगह नहीं मिली तथा छत्तीसगढ़ उसका सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हम छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। हमने विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया है। यह संकल्प सामाजिक समरसता से ही पूरा होगा। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रेमशंकर सिदार ने कहा कि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह जी दुनिया के सबसे कम उम्र के बलिदानी हैं। वे मृत्यु के सामने भी धर्म पर अडिग रहे। भारत के घर-घर में इन प्रसंगों की चर्चा होनी चाहिए, ताकि हमारी नई पीढ़ी को इनसे प्रेरणा मिले।