तबादलों में नहीं जाने वालों पर सरकार सख्त… सात दिन में ज्वाइनिंग नहीं तो सस्पेंड… बीमारी की छुट्टी पर मेडिकल बोर्ड में जाना होगा
छत्तीसगढ़ में हर विभाग में तबादले हो रहे हैं और सरकार की संज्ञान में यह बात आई है कि बहुत सारे अधिकारी-कर्मचारी तबादला आदेश होने के बाद भी नई पोस्टिंग पर ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। इस दौरान वे या तो संशोधन की कोशिश कर रहे हैं या फिर कुछ कोर्ट भी जा रहे हैं। इसे सरकार ने गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किया है कि अगर किसी अफसर-कर्मचारी ने तबादला आदेश जारी होने के सात दिन के भीतर नई पोस्टिंग पर ज्वाइनिंग नहीं दी, तो उसे निलंबित कर दिया जाए और इस अवधि को ब्रेक इन सर्विस में काउंट किया जाए। तबादला आदेश जारी होने के तुरंत बाद जो अधिकारी-कर्मचारी बीमारी का आवेदन देकर छुट्टी पर जा रहे हैं, उनको मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए गए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला होने पर उच्चाधिकारी उसे 10 दिन के भीतर एकतरफा रिलीव कर दें। अगर उच्चाधिकारी ने ऐसा नहीं किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जीएडी से जारी इस आदेश में यह भी कहा गया है तबादला आदेश के बाद अफसर या कर्मचारी की जिस जगह पोस्टिंग की गई है, उसकी छुट्टी भी वहीं से मंजूर की जाए। इसके अलावा जीएडी की ओर से सभी विभागों के सचिवों को जारी किए तीन पेज के आदेश में कई ऐसे निर्देश हैं, जो तबादले में किसी भी कारण से नहीं जाने वाले अफसर-कर्मचारियों पर सख्ती के लिए विभागों के सचिवों तथा संबंधित कर्मचारी के उच्चाधिकारी को कार्रवाई के लिए फ्री-हैंड दे रहे हैं। शासन का मानना है कि सरकारी विभागों में अफसरों और कर्मचारियों के तबादले के पीछे शासन की मंशा यह रहती है कि सरकार की सभी योजनाएं सुचारू रूप से संचालित होती रहें , अधिकारियों और कर्मचारियों के अभाव में योजनाएं प्रभावित न हों। तीन पेज के विस्तृत आदेश में कहा गया है कि बादले में अलग-अलग कारणों से नहीं जाने वाले तथा आदेश होते ही बीमारी का आवेदन देकर छुट्टी लेने वाले अफसर-कर्मचारियों की शासन को लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं। छुट्टी लेकर कई अधिकारी-कर्मचारी अदालत की शरण भी ले रहे हैं।
निवास नहीं बदला तो नए चार्ज के लिए एक दिन
जीएडी ने एक और महत्वपूर्ण निर्देश में साफ किया है कि तबादला आदेश जारी होने के बाद अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी का निवास स्थान नहीं बदल रहा है, तो उसे नए पदभार के लिए सात दिन के बजाय केवल एक ही दिन का समय दिया जाएगा। इस अवधि में अगर वह नई पदस्थापना पर ज्वाइन नहीं करता है, तो उस पर उपरोक्त सभी नियम लागू होंगे।