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राजधानी में भयंकर काली आंधी, शाम 4 बजे ही अंधेरा… चीत्कार करती ऐसी हवा शायद शहर ने पहले नहीं देखी… जो जहां है वहीं बंद, थमने के बाद पता चलेगा इस तूफान का असर

राजधानी में शाम 4 बजे तक सब कुछ सामान्य था। हल्के बादल आ-जा रहे थे, गर्मी थी लेकिन जनजीवन बिलकुल सामान्य था। 15 मिनट बाद बादल गहराने लगे। हवा की रफ्तार थोड़ी बढ़ी, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि 15 मिनट में क्या होने वाला है। धीरे-धीरे घने बादल आए, हवा की रफ्तार बढ़ी और अंधड़ शुरू हुआ। तब तक ऐसा लग रहा था कि तीन-चार दिन से जैसे अंधड़ चल रहे हैं, वैसे ही होंगे। 15-20 मिनट में मौसम ठीक हो जाएगा। लेकिन सबका अनुमान गलत था। अंधड़ के साथ धूल छाती रही, हवा की रफ्तार बढ़ती गई, अंधेरा हुआ और ऐसा तूफान शुरू हुआ, जो शहर ने शायद अब तक नहीं देखा था। इमारतों की चीरती हवा की ऐसी आवाज पहले नहीं सुनी। हर एक-दो मिनट में जैसे चक्रवाती झटके आए, पहले नहीं देखे। भयंकर आवाज के साथ तूफान चला और सड़कों पर खड़ी गाड़ियां गिरने लगीं, तब लगभग पूरे शहर के लोगों ने ऐसी जगहों पर शरण ले ली कि कहीं कुछ उड़कर न आ जाए। हर एक-डेढ़ मिनट में चक्रवाती झोंके आते रहे और पूरे शहर को जैसे मथ रहे थे। जो जहां है, उसे पता है कि इस तूफान में क्या-क्या उड़ गया और क्या बचा है। छोटे-कमजोर पेड़ तो सामने ही जड़ से उखड़कर गिरते रहे। आमने-सामने के विज्ञापन बोर्ड के चीथड़े नजर आते रहे।

अभी तूफान के साथ बारिश चल रही है। मौसम खराब है, पर इक्का-दुक्का लोग बाहर निकल रहे हैं। आशंका है कि आधा घंटे की इस काली आंधी ने राजधानी को बहुत नुकसान पहुंचाया होगा। मौसम विभाग से अभी हवा और आंधी की रफ्तार नहीं मिली है। इसके तकनीकी कारण भी कुछ देर में पता चलेंगे। तब फिर बताएंगे कि कितना नुकसान हुआ और ऐसी काली आंधी क्यों आई।

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