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सरकार की एडवायजरी : मीडिया-सोशल मीडिया को डिफेंस आपरेशंस लाइव नहीं दिखाने हैं… सूत्रों के आधार पर या प्रीमैच्योर खबरें नहीं चलानी हैं… पुरानी घटनाओं के क्लिपिंग्स से बचें, राष्ट्रीय सुरक्षा मीडिया का नैतिक दायित्व

भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहलगाम में आतंकी हमला और उसके बाद की परिस्थितियों को देखते हुए सभी तरह के मीडिया और सोशल मीडिया के लिए शनिवार, 26 अप्रैल को एडवाइजरी जारी कर दी है। मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर क्षितिज अग्रवाल की ओर से जारी इस एडवाइजरी में उन बातों का उल्लेख है, जिनका खयाल हर तरह के मीडिया और सोशल मीडिया को राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर और नैतिक दायित्व को ध्यान में रखकर करना है। एडवाइजरी 9 बिंदुओं में जारी हुई है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख जरूरी है। पहला बिंदु ही यही है कि डिफेंस और सिक्योरिटी से जुड़े आपरेशंस का कवरेज विधिमान्य तौर पर करना है, यानी ऐसा कुछ भी नहीं करना है जिससे किसी तरह के नियम का वायलेशन हो। एडवाइजरी का महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि डिफेंस और सिक्योरिटी आपरेशंस का किसी भी तरह से लाइव कवरेज नहीं करना है, ऐसी तस्वीरें नहीं दिखानी है। मीडिया या सोशल मीडिया अक्सर सूत्रों के आधार पर खबर चला देते हैं। डिफेंस आपरेशंस या राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर सूत्रों के आधार पर खबरें बिलकुल नहीं चलाई जानी हैं। इसी तरह, किसी भी ऐसी संवेदनशील सूचना को उजागर नहीं करना है, जो मैच्योर नहीं है, क्योंकि इसके अवांछित तत्वों द्वारा इस्तेमाल से किसी भी कार्रवाई की एफेक्टिवनेस पर असर पड़ सकता है। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पिछली वारदातें जैसे कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकी हमला या कंधार हाईजैकिंग के रिफरेंस का इस तरह इस्तेमाल नहीं करना है, जो राष्ट्रहित के प्रतिकूल हों।

सूचना-प्रसारण मंत्रालय से जारी की गई एडवायजरी

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