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पहली बार… नक्सल पीड़ित परिवार, सरेंडर माओवादियों के लिए 15 हजार आवास … सीएम साय की पहल पर दिल्ली से मंजूरी

छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि बस्तर के गांव-गांव में नक्सलियों से पीड़ित हर परिवार तथा सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को विष्णुदेव साय सरकार एक-एक आवास देने जा रही है। यह सिर्फ योजना नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार से इसके लिए 15 हजार आवास की मंजूरी भी आ गई है। सीएम साय ने यह प्रस्ताव पिछले महीने केंद्र सरकार को भेजा था और पिछले हफ्ते नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से आवास मंजूर करने का आग्रह किया था। गृह मंत्री  विजय शर्मा ने बताया कि 15 हजार आवासों की मंजूरी की सूचना केंद्र सरकार से छत्तीसगढ़ सरकार को शुक्रवार को मिल गई है।

अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने से आज तक विष्णुदेव साय सरकार पहली होगी, जिसने बस्तर में सरेंडर नक्सलियों और पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए इतना बड़ा कदम उठाया है। सीएम साय ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत 15,000 मकान बस्तर समेत नक्सल प्रभावित इलाकों में रहनेवाले परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक हैं। इससे प्रदेश के विकास और शांति की स्थापना में बड़ी मदद मिलेगी। नक्सल पीड़ित परिवारों और आत्मसमर्पित नक्सलियों को बेहतर जीवन देने के लिए हमारी सरकार संकल्पबद्ध है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने भी नक्सल इलाकों में आवास के लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री शाह और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर इस योजना को मंजूर करने का निवेदन किया था।

6 दिसंबर तक पोर्टल में अपलोड करने हैं नाम

इस योजना में विशेष रूप से उन परिवारों को शामिल किया जाएगा, जिनका नाम सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में नहीं है। केंद्र सरकार ने कहा है कि इन सभी के नाम 6 दिसंबर 2024 तक आवास प्लस पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। इसके लिए संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक वहां के जिला पंचायत सीईओ को सरेंडर  नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों की सूची देंगे। जिला पंचायत से इस सूची का सर्वेक्षण और सत्यापन होगा। इसके बाद कलेक्टर ऐसे लोगों के लिए जमीन चिन्हांकित करेंगे। इस आधार पर पीएम आवास का नियमानुसार निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

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