प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में उमड़े श्रद्धालु… सीएम साय ने भी मत्था टेका और कहा- सेवा और समर्पण सिखों की पहचान
गुरुनानक जयंती पर आयोजित प्रकाश पर्व में राजधानी के गुरुद्वारों में सिख समाज के लोगों की भीड़ उमड़ गई। कीर्तन और लंगर का दौर चल रहा है। केवल सिख समाज ही नहीं, बाबा गुरु नानक के मानने वाले अन्य समाजों के श्रद्धालु भी गुरुद्वारों में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को रायपुर के खालसा स्कूल मैदान में हुए प्रकाश पर्व में शिरकत की। उन्होंने कीर्तन दरबार में मत्था टेका और प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस मौके पर छोटे से बधाई उद्बोधन में सीएम साय ने कहा कि सिख समाज का इतिहास बहुत ही गौरवशाली और समृद्ध है। धर्म के प्रति समर्पण और सेवा की भावना सिख समाज की अभिन्न पहचान है।
सीएम साय ने कहा कि गुरुनानक जयंती जैसे पवित्र दिन पर सिख समुदाय के भाइयों-बहनों के बीच आकर मैं बहुत खुश हूं। गुरुनानक देव जी का जीवन न केवल सिख समुदाय, बल्कि हर भारतीय के लिए प्रेरणादायी है। बाबा गुरुनानक के वचनों में सामाजिक एकता पर जोर दिया गया है। उन्होंने समतामूलक समाज के निर्माण पर जोर दिया है। सीएम साय ने कहा कि देश की आज़ादी में सिख समाज का बहुत बड़ा योगदान है। जब हम गुरु गोविंदसिंह जी का जीवन देखते हैं, तो पता चलता है कि उनके पुत्र साहेबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी ने धर्म बदलने के बजाय शहादत कबूल की। ऐसा इतिहास सिख समाज का रहा है। सीएम साय ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने साहेबजादों के शहादत दिवस 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया है। हर साल हम गर्व के साथ यह दिन मना रहे हैं। इस मौके पर सीएम साय के साथ कई जनप्रतिनिधि तथा गुरुद्वारा कमेटियों के पदाधिकारियों समेत सिख समाज के लोग खालसा स्कूल के समारोह में मौजूद थे।