कवर्धा हादसे में 19 बैगाओं की मौतः हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू, सीएएस के जवाब की पड़ताल के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच कर रही सुनवाई, अगली पेशी 8 को
कवर्धा जिले के पंडरिया में दो माह पहले हुए सड़क हादसे में 19 बैगा आदिवासियों की मृत्यु के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार से सुनवाई शुरू कर दी है। इस हादसे को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी, हालांकि सड़क हादसों को रोकने के लिए कई मामलों में हाईकोर्ट स्वतः संज्ञान ले चुका है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने कवर्धा हादसे की सुनवाई शुरू की है और पहले दिन हादसे को लेकर राज्य शासन की ओर से मुख्य सचिव ने शपथपत्र के साथ जवाब पेश किया है। इस जवाब में दिए गए तथ्यों की पड़ताल के लिए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने दो वकीलों प्रांजल अग्रवाल और रविंद्र शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया है।
कवर्धा में पंडरिया ब्लाक के कुकदूर इलाके में एक पिकअप बेकाबू होकर खाई में गिरी थी, जिसमें संरक्षित बैगा जनजाति के 19 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से 17 एक ही गांव के तथा अधिकांशतया एक ही परिवार के थे। इस मामले में सुनवाई शुरू करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे थम नहीं रहे हैं। पहले भी हाईकोर्ट राज्य शासन को कई बार निर्देश जारी कर चुका है कि हादसों की रोकथाम तुरंत होनी चाहिए, इसके बाद भी हादसे थम नहीं रहे हैं और कवर्धा में बड़ा हादसा हो गया। हादसों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी गाइडलाइन जारी हुई है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कवर्धा हादसे के मामले में पूछा था कि गाइडलाइन में दिए गए निर्देशों का कितना अनुपालन हो रहा है। इसी संबंध में मुख्य सचिव की ओर से जवाब पेश किया गया है। इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि सड़कों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से निर्देशों का अनुपालन होता नजर नहीं आ रहा है। जिन निर्देशों का अनुपालन हुआ, उनमें भी विसंगतियां हैं। इन्हीं सब सवालों के संबंध में मुख्य सचिव की ओर से जवाब दाखिल किया गया है, जिसमें उल्लेखित तथ्यों की पड़ताल दो कोर्ट कमिश्नर करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की गई है।