सीआरपीएफ डीजी सिंह, डीजीपी गौतम की ब्रीफिंग… कर्रेगुट्टा पहाड़ पर नक्सलियों की खूंखार पीएलजीए बटालियन तबाह… 214 बंकर और 4 हथियार फैक्ट्रियां ध्वस्त, सौ गुफाएं भी मिलीं… 31 नक्सली ढेर, बड़े नेता मारे गए या गंभीर, 28 की पहचान

छत्तीसगढ़ पिछले 21 दिन से कर्रेगुट्टा पहाड़ों पर चलाए जा रहे फोर्स के नक्सल विरोधी आपरेशन के नतीजे सामने आ गए हैं। इस आपरेशन को लेकर बीजापुर में सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह, छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुणदेव गौतम और प्रदेश के नक्सल आपरेशन चीफ विवेकानंद ने बीजापुर में बुधवार की शाम प्रेस को ब्रीफ किया हैा। इसके मुताबिक सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी समेत फोर्स ने नक्सलियों के सबसे सुरक्षित गढ़ कर्रेगुट्टा हिल्स यानी काले पहाड़ पर नक्सलियों के सबसे घातक संगठन पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) को धराशायी कर दिया है। पहाड़ पर नक्सलियों के छिपने की सौ से ज्यादा गुफाओं में फोर्स बैठ गई है। नक्सलियों की चार हथियार फैक्ट्रियां तबाह कर दी गईं, जहां वे देसी हथियार बना रहे थे। इस आपरेशन के दौरान पहाड़ पर चढ़ रही फोर्स के साथ 21 मुठभेड़ें हुई हैं। इनमें मारे गए 31 नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें से 28 की पहचान हुई है। फोर्स का दावा है कि कर्रेगुट्टा पहाड़ पर बड़े नक्सली कैडर भी मारे गए हैं, जिनके शव लेकर नक्सली चले गए, और गंभीर से रूप से घायल हुए हैं। इस पहाड़ पर नक्सलियों ने 12 हजार किलो से ज्यादा भोजन भी रखा था, जिसे जब्त कर लिया गया है। आपरेशन के दौरान मुठभेड़ों और आईईडी धमाकों में 18 जवान घायल हुए, जिन्हें अस्पताल पहुंचा दिया गया और सभी खतरे से बाहर हैं। पहाड़ पर फोर्स ने कई टेंपरेरी पोस्ट और हेलिपैड बना दिए हैं, जहां सेना और एयरफोर्स के हेलिकाप्टर रात में भी उतर सकते हैं। इस तरह, फोर्स ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंंगाना के मुलुगू जिले के बीच स्थित इस सबसे सुरक्षित किले को भी ढहा दिया है।
बीजापुर में इस प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए स्थानीय मीडिया के साथ-साथ रायपुर और दिल्ली से मीडियाकर्मी भी पहुंचे थे। शुरुआत सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह ने की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने के लक्ष्य पर केंद्र तथा राज्यों की फोर्स समन्वय और उच्च तकनीक के साथ लगी हैं। देशभर के नक्सलवाद पर बात करते हुए डीजी सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कई कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां नाइट लैंडिंग की व्यवस्था है। नए कैंप्स में नाइट लैंडिंग हैलिपेड भी बनाए गए हैं। सड़कें, मोबाइल टावर, स्वास्थ्य सेवाएं डेवलप की गई हैं। यह नक्सलवाद की समाप्ति के लिए वृहद कदम हैं। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुणदेव गौतम ने बताया कि केंद्रीय और राज्य की फोर्स ने मिलकर कर्रेगुट्टा पहाड़ को नक्सलमुक्त किया है। यह इलाका नक्सलियों की सबसे बड़ी पनाहगाह बना हुआ था। डीजीपी गौतम ने कहा कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में बने कैंपों के पांच किमी के दायरे में गांवों में नियद नेल्लानार (आपका अच्छा काम) योजना चल रही है। अब इसके दायरे को बढ़ाकर 10-10 किमी कर दिया गया है और 125 अंदरूनी गांवों में विकास का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है। कर्रेगुट्टा पहाड़ इलाका 60 किमी में फैला है तथा 5 किमी चौड़ी और 20 किमी लंबी पहाड़-जंगलों की सीरीज है। यहां 350 हथियारबंद नक्सलियों के शरण लेने लायक इंफ्रास्ट्रक्चर था। पुख्ता सूचनाओं के बाद कर्रेगुट्टा हिल अभियान में सीआरपीएफ, एसटीएफ, डीआरजी को आपेरशन में लगाया गया।
छत्तीसगढ़ के एडीजी नक्सल आप्स विवेकानंद ने बताया इस आपरेशन में नक्सलियों की सबसे खूंखार पीएलजीए बटालियन को तबाह कर दिया गया है। नक्सली छोटी-छोटी टुकड़ियों में बंट गए हैं, जिनकी ताकत बहुत कम हो गई है। आपरेशन के दौरान छिपने की सैकड़ों गुफाएं निकली हैं। इस पहाड़ पर फोर्छिस ने जगह-जगह टेंपरेरी बेस और हैलीपेड भी बनाए हैं। 21 अप्रैल से 11 मई, कुल 21 दिनों तक चले इस आपरेशन में नक्सलियों की चार हथियार फैक्ट्रियों को भी तबाह कर दिया गया है। एसपी बीजापुर की ओर से बताया गया कि 21 मुठभेड़ों में 31 माओवादियों के शव तथा 35 आटोमेटिक हथियार मिले हैं। मारे गए माओवादियों में से 28 की पहचान हो चुकी है। इन पर कुल मिलाकर 1.69 करोड़ रुपए का ईनाम घोषित था। फोर्स ने 214 माओवादी बंकरों को नष्ट किया है। 450 बारुदी सुरंगें तथा भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद कर लिया गया है।