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सीएम साय का सुशासन में बड़ा प्रयोग… राज्य सेवा के पुलिस अफसरों को एसपी-कमांडेंट रैंक… यानी वरिष्ठ रापुसे अफसरों को भी जिलों की कमान जल्द

News Analysis : Nawab Fazil

सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने राज्य पुलिस सेवा के कैडर मैनेजमेंट की दिशा में बड़ा प्रयोग करते हुए सुशासन ने नई इबारत लिखी है। प्रदेश के 2005 बैच वाले सीनियर एडिशनल एसपी को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान देने का आशय ये है कि इन्हें एसपी या कमांडेंट रैंक के समकक्ष ला दिया गया है। इसका सीधा इंपैक्ट यह है कि इन अफसरों को राज्य सरकार आसानी से जिले सौंप सकती है, यानी एसपी बना सकती है। सीएम साय और डिप्टी सीएम तथा गृहमंत्री विजय शर्मा ने तीन माह तक कैडर मैनेजमेंट का सुशासन लागू करने में इसलिए मंथन किया, क्योंकि ये सभी अफसर अब तक एएसपी ही हैं, जबकि इन्हीं के बैच के प्रशासनिक अफसर आईएएस का प्रमोशन पाकर इस वक्त कवर्धा और गरियाबंद आदि जिलों में कलेक्टर की कुर्सी संभाल रहे हैं। यही नहीं, 2007 बैच के डिप्टी कलेक्टर भी जल्दी ही आईएएस होने वाले हैं। बताते हैं कि सीएम साय इस बात से कन्विंस थे कि पीएससी की एक ही बैच के प्रशासनिक अफसरों को अगर आईएएस अवार्ड के बाद कलेक्टर बनने का मौका मिल रहा है, तो उसी बैच के पुलिस अफसरों को भले ही आईपीएस अवार्ड न हो पाए, लेकिन एसपी या कमांडेंट के समकक्ष पदों के लिए मौका जरूर मिलना चाहिए। इसी सोच की वजह से साय सरकार ने सीनियर एएसपी को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान देकर एसपी बनाने का रास्ता साफ किया है।

छत्तीसगढ़ की पिछली सरकारों में भी बहुत छोटे पैमाने पर यह प्रयोग हुआ और इक्का-दुक्का एएसपी को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी देकर एसपी बनाया गया था। साय सरकार ने इस फैसले को जिस तरह लागू किया है, उससे पूरे कैडर के प्रमोशन का न सिर्फ रास्ता साफ हुआ है, बल्कि एसपी बनाने के लिए ऐसे वरिष्ठ अफसरों का विकल्प सामने आ गया है, जिन्हें सीनियर होने के बावजूद आईपीएस नहीं मिल पाया है। इस फैसले का असर 2007 बैच के राज्य पुलिस सेवा के सीनियर अफसरों पर भी जाएगा, क्योंकि इनके आईपीएस बनने में बहुत समय है, जबकि इनके बैचमेट प्रशासनिक अफसर जल्दी ही आईएएस होकर कलेक्टर बनने के लिए एलिजिबल होने वाले हैं। यह संकेत भी मिल रहे हैं कि 2007 बैच के राज्य पुलिस सेवा अफसरों को भी सरकार मेरिट के आधार  पर वरिष्ठ प्रवर श्रेणी का वेतनमान देने का प्लान कर रही है। यह फैसला भी बारीक मंथन के बाद अगले चार-पांच महीने में किया जा सकता है। राज्य पुलिस सेवा में सीनियर लेवल पर इस तरह के कैडर मैनेजमेंट से पीएससी से चयनित अफसरों में साय सरकार का अच्छा इंप्रेशन आ सकता है। बता दें कि सीनियर एएसपी को एसपी-कमांडेंट के समकक्ष लाने की इस बड़ी कवायद में सीएम के सचिव आईएएस पी दयानंद तथा आईपीएस राहुल भगत के अलावा डीजीपी अशोक जुनेजा समेत पुलिस मुख्यालय के कुछ आला आईपीएस अफसरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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