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सीएम साय को दिल्ली बुलावा, सरगुजा से रायपुर लौटे और रात में जाएंगे, नए मंत्रियों की शपथ की चर्चाएं तेज

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार को सरगुजा पहुंचे और कार्यक्रमों में हिस्सा ले ही रहे थे कि उन्हें दिल्ली से बुलावा आ गया। वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर परिचर्चा में शामिल हुए सीएम साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि उन्हें दिल्ली से बुलावा आया है। जल्दी-जल्दी सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर तुरंत रायपुर लौटना है और रात में ही दिल्ली जाना है। इसके बाद दो कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर सीएम साय वहां से रवाना हुए। रात 9.20 बजे वे रायपुर एयरपोर्ट से दिल्ली जाएंगे। मंगलवार को उनकी कई महत्वपूर्ण मुलाकातें हैं, जिनका ब्योरा अभी नहीं मिला है। लेकिन चर्चाएं तेज हो गई हैं कि मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार तथा पुनर्गठन का फैसला हो जाएगा। वहां से सीएम साय लौटेंगे, उसके बाद कभी भी रायपुर राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।

इन अटकलों की पुष्टि या खंडन के लिए कोई तैयार नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल का मंत्रिमंडल से तीन दिन पहले ही इस्तीफा राज्यपाल ने मंजूर किया है। छत्तीसगढ़ में सीएम को मिलाकर 13 मंत्री रह सकते हैं। इस तरह, छत्तीसगढ़ में अब मंत्रियों के लिए दो सीटें बची हैं। चर्चाएं यही हैं कि संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में ये दो सीटें भरी जाएंगी, यानी नए मंत्री शपथ ले सकते हैं। यह अटकलें भी हैं कि कुछ मंत्रियों के विभागों में महत्वपूर्ण बदलाव किए जा सकते हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि नए मंत्रियों में एक रायपुर और एक बस्तर से हो सकता है। लेकिन सारी बात चर्चाओं में ही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी की कार्यशैली अंतिम समय में चौंकाने वाले फैसले करने की है। इसलिए कोई स्पष्ट नहीं कर पा रहा है कि सीएम साय को अचानक दिल्ली बुलाने की क्या वजह हो सकती है।

जनजातियों को पीएम मोदी ने ही दिया महत्व

रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर परिचर्चा में अपने संबोधन को थोड़ा संक्षिप्त करते हुए सीएम साय ने प्रधानमंत्री मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उनके कार्यकाल में जनजातियों को काफी महत्व दिया गया है। सीएम साय ने कहा कि देश में जनजातीय समुदाय से राष्ट्रपति बनाने, छत्तीसगढ़ में सरगुजा के बेटे को सीएम बनाने तथा अब ओड़िशा में भी इसी समुदाय से सीएम बनाने का फैसला लेकर पीएम मोदी ने आदिवासी समाज को गौरवान्वित किया है। 15 नवंबर को विश्व जनजातीय दिवस की शुरुआत करने वाले भी पीएम मोदी ही हैं। सीएम साय ने कहा कि समाज पीएम मोदी के इस योगदान को हमेशा याद रखेगा।

 

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