सीबीआई ने एसकेएस पावर रायपुर पर 5717 करोड़ के लोन घपले में एफआईआर की, 14 जगह छापे
एसकेएस व जुड़ी कंपनियों के 28 आरोपीः रायपुर, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर, त्रिची में छापे

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 5717 करोड़ रुपए के लोन घोटाले में एसकेएस पावर जनरेशन (सिलतरा) तथा इस समूह के डायरेक्टर-प्रमोटर्स समेत अलग-अलग कंपनियों के 28 लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर अपने हाथ में ले ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एसकेएस समेत 28 आरोपियों के खिलाफ यूपी के जौनपुर में दर्ज केस पर सीबीआई ने 12 जून को एफआईआर की और रायपुर, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर तथा त्रिची में शुक्रवार को 14 जगह छापे मारकर सबूत इकट्ठा किए हैं। इन आरोपियों के खिलाफ सीबीआी ने धारा 120-बी, 420, 467, 468, 471, 474, 476, 506, 507, 511 में एफआईआर की है।
सीबीआई की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक एसकेएस पावर (छत्तीसगढ़) के डायरेक्टर अनिल महाबीर गुप्ता, अभय कुमार साहू, अशोक कुमार साहू, महावीर प्रसाद गुप्ता, दीपक गुप्ता, एसकेएस के प्रमोटर-डयरेक्टर, अनीश अनिल गुप्ता (डायरेक्टर एसकेएस स्टील ने पावर मुंबई) और श्रीकृष्णा स्ट्रक्चर्स की डायरेक्टर प्रेमलता गुप्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रीतम बेरिया समेत मुंबई और कोलकाता की आधा दर्जन कंपनियों के 26 लोगों तथा स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधन रोहित पाराशर और जौनपुर एसबीआई के शाखा प्रबंधक को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई के मुताबिक बिजली उत्पादन-वितरण में लगी एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड पर आरोप है कि कंपनी ने स्टेट बैंक, एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस, पीटीसी इंडिया फाइनेंस और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर से 6170 करोड़ रुपए का लोन लिया था और बकाया नहीं चुकाया। इस आधार पर खाते में लगभग 5717 करोड़ रुपए के दोषपूर्ण बकाए की नीलामी की गई। नीलामी एंटविकेलन इंडिया एनर्जी के पक्ष में लगभग 2000 करोड़ रुपए पर तय हुई। आरोप यह है कि एंटविकेलन इंडिया एनर्जी दरअसल एसकेएस इस्पात एंड पावर के पते पर ही दर्ज कंपनी है। 2019 में एंटविकेलन का एसकेएस में विलय हो गया।
फंड डायवर्ट करने आपराधिक साजिश की गई
सीबीआई ने यूपी की जिस एफआईआर को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की है, उसमें कहा गया है कि सभी आरोपियों ने आपस में आपराधिक षड़यंत्र कर सदोषपूर्ण लाभ प्राप्त करने के गलत इरादे से डमी/मुखौटा कंपनियों की मदद ली और फर्जी शेयर लेनदेन के जरिए रकम डायवर्ट तथा फंड की राउंड ट्रिपिंग कर दी। यही नहीं, फर्जी कंपनियों के जरिए ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह व बरमूडा के ब्रिटिश विदेशी क्षेत्रों में कथित तौर पर काफी रकम ट्रांसफर कर दी गई। इन सबके दस्तावेजी सबूत इकट्ठा करने के लिए सीबीआई ने 14 जगह छापे मारे और दावा किया कि बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद कर लिए गए हैं।