बृजमोहन के लिए विस चुनावों की ढाई लाख वोटों की लीड पहला टारगेट
विकास को 9 में से 8 विधानसभा सीटों में हाल में हुआ गड्ढा पाटना होगा
रायपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदान के लिए अभी लगभग डेढ़ माह बाकी है। विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की प्रकृति अलग रहती है, मुद्दे भी अलग होते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में आम लोगों के कयास का आधार छह माह पूर्व होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजे ही रहते हैं, क्योंकि उनके पास यही अधिकृत आंकड़े रहते हैं। स्तंभ ने रायपुर समेत प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव के नतीजों के आंकड़े जुटाकर इसी लिहाज से शुरुआती तस्वीर पेश की है, जिस हिसाब से लोग नतीजों का आंकलन करते हैं।
रायपुर लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें हैं। इनमें रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, आरंग, अभनपुर, धरसींवा, भाटापारा और बलौदाबाजार शामिल हैं। इनमें 7 सीटें रायपुर जिले की हैं, जो पूरी की पूरी भाजपा की झोली में हैं। केवल बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में एकमात्र भाटापारा सीट ही कांग्रेस के पास है, वह भी लगभग 11 हजार वोटों के मार्जिन से। इस तरह, रायपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पास 8 सीटें हैं। विधानसभा चुनाव में इन आठों में कुल मिलाकर भाजपा का लीड का मार्जिन 267525 वोटों का है। इनमें से अगर कांग्रेस की एकमात्र सीट की लीड घटा दी जाए, तो भी भाजपा विधानसभा के नतीजों के हिसाब से रायपुर में 256209 वोटों की लीड पर है।
सुनील सोनी का रिकार्ड भी चुनौती
पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का असर ऐसा था कि रायपुर में भाजपा के सुनील सोनी ने कांग्रेस के लगभग पौने 4 लाख वोटों से शिकस्त दी थी। सोनी वर्तमान प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल के पुराने करीबी हैं, जाहिर है कि बृजमोहन कम से कम इस लीड से ऊपर जाना चाहेंगे। इसके अलावा, बृजमोहन कैंप की कम से कम कोशिश तो यही होगी कि जितनी लीड विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र से आई, उसे बरकरार ही रखना चाहिए।
विकास के सामने कई बड़े टारगेट
दूसरी तरह, रायपुर लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय और पिछले चुनाव में हारे प्रमोद दुबे भी एक-दूसरे के करीबी रह चुके हैं। विकास के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली, जितने वोटों से पिछले चुनाव में प्रमोद दुबे हारे थे, उसे खत्म करना होगा। दूसरी चुनौती विधानसभा चुनाव में ढाई लाख वोटों से भाजपा की लीड भी है। विकास के लिए एक और बड़ी चुनौती खुद उनकी सीट रायपुर पश्चिम भी है, जहां उन्हें कद्दावर भाजपा नेता राजेश मूणत के हाथों 41 हजार की शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
खैर, इस अंकगणित का आने वाले चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। ये केवल आंकड़े हैं जिन्हें आधार बनाकर चौक-चौराहों पर चर्चाएं चल रही हैं। हकीकत देखी जाए तो बृजमोहन अग्रवाल का लीड का टारगेट इनसे कहीं ऊपर है। माना जा रहा है कि टीम बृजमोहन 5 लाख वोटों से ज्यादा की लीड पर काम कर रही है। वहीं, टीम वीयू (विकास) भी रायपुर लोकसभा क्षेत्र की सभी 9 विधानसभा सीटों पर लीड हासिल करने के लिए सारे जुगाड़-तोड़ में जुट गई है।
ऐसे समझें विस चुनाव का गणित
- रायपुर ग्रामीण : 44343 भाजपा
- रायपुर पश्चिम : 41229 भाजपा
- रायपुर उत्तर : 23054 भाजपा
- रायपुर दक्षिण : 67719 भाजपा
- आरंग : 16538 भाजपा
- अभनपुर : 15553 भाजपा
- धरसींवा : 44343 भाजपा
- भाटापारा : 11316 कांग्रेस
- बलौदाबाजार : 14746 भाजपा
विधानसभा का अंकगणित
भाजपा की लीड : 267525
कांग्रेस की लीड : 11316
भाजपा की कुल बढ़त : 256209